आज से कश्मीर की सैर कर सकेंगे पर्यटक, तीन नेताओं को भी किया जाएगा रिहा
क्या है खबर?
दो महीने की पाबंदी के बाद जम्मू-कश्मीर को फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है और वो फिर से घाटी की वादियों की सैर पर जा सकेंगे।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पर्यटकों को दो महीने पहले जारी की गई जम्मू-कश्मीर छोड़ने की एडवाइजरी वापस ले ली है।
आतंकी हमले का खतरा होने के कारण ये एडवाइजरी जारी की गई थी।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को सुरक्षा हालात का जायजा लेने के बाद एडवाइजरी वापस लेने की घोषणा की।
घाटी छोड़ने की एडवाइजरी
2 अगस्त को जारी की गई थी एडवाइजरी
बता दें कि 2 अगस्त को केंद्र सरकार ने अमरनाथा यात्रा रद्द कर दी थी और तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को तत्काल घाटी छोड़ने की एडवाइजरी जारी की थी।
अमरनाथ यात्रा और पर्यटकों पर आतंकी हमले के खतरे की खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए सरकार ने ये फैसला लिया था।
इससे पहले सेना ने पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा अमरनाथ यात्रा पर हमले की कोशिश को खुलासा भी किया था और इसके सबूत पेश किए थे।
सवाल
तीन दिन बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर से हटाया अनुच्छेद 370
इस एडवाइजरी के तीन दिन बाद 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था।
इसके अलावा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में बांटने का फैसला भी लिया गया था।
सरकार के इस फैसले के बाद सवाल उठे थे कि क्या सचमुच अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा था या सरकार ने एक "भय" पैदा किया था।
जानकारी
जम्मू-कश्मीर में लगाई गई थीं कई पाबंदियां
अनुच्छेद 370 पर फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट और फोन सेवाओं पर रोक समेत अन्य तरह की पाबंदियां भी लगाई गई थीं। इन पाबंदियों को धीरे-धीरे चरणों में हटाया गया। हालांकि कश्मीर में इंटरनेट और फोन सेवाओं पर रोक अभी भी जारी है।
अन्य फैसला
स्कूल और कॉलेजों को भी खोला गया
इस बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एडवाइजरी वापस लेने के बाद बुधवार को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को वापस खोलने का आदेश भी जारी किया।
श्रीनगर के प्रतिष्ठित श्री प्रताप कॉलेज के बाहर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है जो छात्रों के पहचान पत्र देखने के बाद उन्हें कॉलेज के अंदर जाने दे रहे हैं।
एक छात्र ने बताया कि शिक्षकों के अनुसार कक्षाएं स्थिति सामान्य होने के बाद ही शुरू होंगी।
रिहाई
तीन नेताओं को किया जाएगा शर्तों के साथ रिहा
इस बीच आज कश्मीर के तीन नेताओं को कई शर्तों के साथ रिहा किया जाएगा।
इन नेताओं के नाम यावार मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन हैं।
जहां मीर राफियाबाद विधानसभा सीट से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के विधायक रह चुके हैं, वहीं नूर मोहम्मद नेशनल कान्फ्रेंस (NC) के नेता हैं।
लोन एक समय कांग्रेस में रहे थे और उत्तर कश्मीर से उसकी टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस प्रमुख सज्जाद लोन का करीबी माना जाता है।
सवाल
बाकी नेताओं को कब रिहा किया जाएगा?
कश्मीर को पर्यटकों के लिए खोलने के बाद ये सवाल भी उठता है कि अगर घाटी में हालात इतने बेहतर हो गए हैं कि वहां पर्यटक जा सकते हैं तो हिरासत में लिए गए या घर में नजरबंद बड़े कश्मीरी नेताओं को कब रिहा किया जाएगा?
इन नेताओं में तीन पूर्व मुख्यमंत्री, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।
इसके अलावा इंटरनेट और फोन सेवाओं से रोक हटाने का सवाल भी उठता है।