आतंकियों के खिलाफ संतोषजनक कदम न उठाने पर ब्लैकलिस्ट हो सकता है पाकिस्तान, जल्द होगा फैसला
आतंक की सुरक्षित पनाह माने जाने वाले पाकिस्तान को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका में चल रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में यह देखा जाएगा कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कदम उठाने में कामयाब रहा है या नहीं। यह बैठक 21 जून तक चलेगी और इसमें फैसला होगा कि पाकिस्तान को संस्था की 'ग्रे लिस्ट' में रखा जाए या 'ब्लैकलिस्ट' किया जाए। 'ब्लैकलिस्ट' होने की स्थिति में पाकिस्तान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगेंगे।
आतंकी संगठनों की फंडिंग पर होगी चर्चा
बैठक के दौरान FATF सदस्य पाकिस्तान द्वारा आतंक के खिलाफ उठाए गए कदमों का आकलन करेंगे। हालांकि, पाकिस्तान का दर्जा बदलने का आधिकारिक ऐलान अक्तूबर में पेरिस में होने वाली बैठक के बाद किया जाएगा। FATF ने बयान में कहा कि बैठक में इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा, उनके सहयोगी संगठनों और आंतक का वित्तपोषण करने वाले देशों आदि पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में की गई चर्चा के बारे में FATF के प्रमुख मार्शल बिलिंगसलिया 21 जून को जानकारी देंगे।
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटा पाकिस्तान
पिछले कुछ समय से पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर आतंक को रोकने और उनकी फंडिंग को लेकर कई कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयब्बा, जैश-ए-मोहम्मद और उनकी सहयोगी संगठनों के कई बड़े आतंकियों को गिरफ्तार किया है ताकि उनकी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। बता दें, पुलवामा हमलेे के बाद भारत ने पाकिस्तान को कई सबूत दिए थे, जिनमें इस बात का जिक्र था कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था।
पाकिस्तान की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं संस्था
हालांकि, कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि FATF के स्थानीय संगठन एशिया पैसिफिक ग्रुप ने पाया है कि पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयब्बा समेत आठ आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने के लिए जमीनी स्तर पर पुख्ता कदम नहीं उठाया है।
फरवरी में ग्रे लिस्ट हुआ था पाकिस्तान
आतंक के खिलाफ पर्याप्त कदम उठाने में असमर्थ रहने के बाद पिछले साल जून में FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था। पेरिस में फरवरी में हुई बैठक में कहा गया कि पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को रोकने की दिशा में 'सीमित तरक्की' की है और तालिबान, लश्कर-ए-तैयब्बा, अल-कायदा और तालिबान समेत आठ आतंकी संगठनों द्वारा पैदा खतरे को समझने में विफल रहा है। अब पाकिस्तान को इस बात का डर है कि उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।
ब्लैकलिस्ट होने पर होंगे ये नुकसान
अगर FATF पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर देता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इसके गहरे आर्थिक प्रभाव होंगे। इसके बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले 6 अरब डॉलर के कर्ज पर भी रोक लग सकती है।
पिछले महीने बैन किए गए थे 11 आतंकी संगठन
पाकिस्तान ने पिछले महीने आतंकी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आतंकवाद रोधी कानून (ATA) के तहत 11 संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन संगठनों पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा (JUD) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) से संबंध होने का आरोप है। देश के गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है। जैश जहां मौलाना मसूद अजहर का संगठन है, वहीं JUD लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद का संगठन है। FIF का भी हाफिज सईद से संबंध है।
पाकिस्तान ने बंद किए 11 आंतकी कैंप
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के दबाव और भारत की तरफ से कार्रवाई के डर के चलते पाकिस्तान ने PoK में चल रहे आतंकी कैंपों को बंद कर दिया है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में चल रहे आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसके अलावा भारत की तरफ संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के सामने ऐसे सबूत रखे गए, जिनसे यह साफ जाहिर था कि पाकिस्तान की धरती पर चल रहे कैंपों से आतंकी आकर भारत में आतंक फैलाते हैं।