करनाल हिंसा: अमित शाह की सलाह- कृषि कानूनों के समर्थन में रैली न करे हरियाणा सरकार
करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की रैली रद्द होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा सरकार को कृषि कानूनों के समर्थन में रैली या समारोह आयोजित न करने की सलाह दी है। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने कहा कि अगले आदेश तक हरियाणा सरकार कृषि कानूनों के समर्थन में कोई समारोह या रैली नहीं करेगी। गुज्जर मंगलवार को खट्टर और दुष्यंत चौटाला की अमित शाह के साथ हुई बैठक में मौजूद थे।
किसानों के विरोध के कारण रद्द हुई थी खट्टर की रैली
भाजपा ने रविवार को करनाल के कैमला गांव में कृषि कानूनों के समर्थन में किसान महापंचायत बुलाई थी। मुख्यमंत्री खट्टर को भी इसमें शामिल होना था। मुख्यमंत्री और भाजपा के दूसरे नेताओं के दौरे को देखते हुए भारी संख्या में किसान कैमला गांव के आसपास इकट्ठे हो गए और प्रदर्शन करने लगे। रैली शुरू होने के वक्त ये किसान रैली स्थल पर पहुंच गए और वहां तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसे देखते हुए रैली को रद्द करना पड़ा था।
किसानों से टकराव नहीं चाहते- गुज्जर
इसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री खट्टर, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ और गुज्जर समेत कई नेताओं ने अमित शाह से मुलाकात की थी। गुज्जर ने बताया, "करनाल में जो हुआ, उसके बाद गृह मंत्री ने राज्य सरकार को कृषि कानूनों के समर्थऩ में कोई भी आयोजन न करने की सलाह दी है। हम किसानों से टकराव नहीं चाहते। शाह ने मुख्यमंत्री के रैली को संबोधित न करने के फैसले की भी तारीफ की।"
कानून व्यवस्था को लेकर हुई थी बैठक- खट्टर
वहीं शाह से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा था कि हरियाणा किसान आंदोलन का मूलकेंद्र है इसलिए बैठक में कानून-व्यवस्था पर चर्चा की गई। उन्होंने यह भी कहा कि अब मामला सुप्रीम कोर्ट के पाले में चला गया है इसलिए किसानों को अपना आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए। अब सुप्रीम कोर्ट ही कानूनों में बदलाव या रद्द करने का फैसला ले सकता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है।
हरियाणा में भाजपा-जजपा नेताओं का हो रहा विरोध
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच हरियाणा में भाजपा और सरकार को समर्थन दे रही जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेताओं का भारी विरोध हो रहा है। राज्य के कई गांवों ने भाजपा-जजपा नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। साथ ही खाप पंचायतों के अलावा कई गांवों ने सरकार चला रही इन दोनों पार्टियों के नेताओं के गांव में प्रवेश के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किए हैं।
नेताओं का किया जा रहा घेराव
कई गांवों में सभी रास्तों पर बैनर लगाए गए हैं कि भाजपा और जजपा के नेताओं का गांव में आना मना है। साथ ही इन बैनरों में रिलायंस के उत्पादों के बहिष्कार और जियो के सिम को दूसरी कंपनियों में पोर्ट कराने की अपील की गई है। इनके अलावा कई जगहों पर दोनों पार्टियों के नेताओं को घेराव किया जा रहा है। इनके चलते कई नेताओं के निर्धारित दौरे रद्द हो चुके हैं।