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हरियाणा: कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह, किसानों के साथ धरने पर बैठे

हरियाणा: कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह, किसानों के साथ धरने पर बैठे

Dec 19, 2020
12:28 pm

क्या है खबर?

भाजपा के वरिष्ठ नेता और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे चौधरी बीरेंद्र सिंह कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। वो शुक्रवार को हरियाणा के सांपला में किसानों के साथ धरने पर बैठे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली जाकर प्रदर्शनकारी किसानों का साथ देने की इच्छा भी व्यक्त की। इस मौके पर सिंह ने कहा कि वो सरकार के खिलाफ नहीं है, लेकिन किसानों के साथ जरूर हैं।

बयान

मैं किसानों के समर्थन में खड़ा हूं- सिंह

लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद भाजपा में शामिल होने वाले बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वो किसानों के समर्थन में खड़े हैं। अब यह सिर्फ किसानों का आंदोलन नहीं रहा है। समाज का हर वर्ग इसमें शामिल है। उन्होंने कहा, "मैं जमीन पर उतर चुका हैं और मैंने तय कर लिया है। अगर अब मैं आगे नहीं आता तो लोगों को लगेगा कि मैं सिर्फ राजनीति कर रहा हूं और कुछ नहीं।"

बयान

सिंह बोले- किसानों का समर्थन करना मेरा नैतिक कर्तव्य

सिंह ने आगे कहा कि आप किसी से भी बात करके देखिये। हर किसी को किसानों की चिंता है और वो इस मुद्दे का समाधान चाहते हैं। पिछले 5-6 दिनों से ठंड बढ़ गई है। फिर भी किसान वहीं डटे हुए हैं। उन्होंने कहा, "किसानों का समर्थन करना उनका नैतिक कर्तव्य है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और सरकारी मंडी का विचार चौधरी छोटूराम लेकर आए थे। अंग्रेजों के राज मे उन्होंने सबसे पहले कृषि सुधारों पर काम किया था।"

बयान

"सार्थक बातचीत से निकल सकता है समाधान"

छोटू राम के नाती सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर सार्थक बातचीत करनी चाहिए। किसानों में विश्वास पैदा करना होगा, तभी समाधान हो सकता है। बता दें कि बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं।

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किसानों का समर्थन पार्टी के खिलाफ जाना नहीं- बीरेंद्र सिंह

आजतक के मुताबिक, जब उनसे पूछा गया कि क्या वे इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के खिलाफ हैं तब बीरेंद्र सिंह ने जबाव दिया, "किसानों का समर्थन करना अपनी पार्टी के खिलाफ जाना नहीं है। किसानों का मुद्दा राजनीति से ऊपर है। हम किसान के बेटे पैदा हुए थे, अब पढ़ लिखकर राजनीति में आ गए हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अपनी पृष्ठभूमि को भूल जाएं। किसानों का साथ देना मेरा नैतिक कर्तव्य है।"

धरना

JJP विधायक भी धरने में शामिल हुए

बीरेंद्र सिंह के साथ दुष्यंत चौटाला कि जननायक जनता पार्टी (JJP) के विधायक जोगीराम सिहाग भी किसानों के साथ धरने पर बैठे थे। सिहाग ने कहा कि वे शुरू से ही कृषि कानूनों के विरोध में हैं। सरकार से समर्थन लेने को लेकर उनकी पार्टी या दुष्‍यंत चौटाला क्‍या स्‍टैंड लेते हैं ये उनका निजी मामला होगा। उन्होंने कहा, "मेरा स्टैंड साफ है। कृषि कानूनों को लेकर मैं सरकार के समर्थन में नहीं हूं।"

कृषि कानून

क्या है किसानों के प्रदर्शन की वजह?

मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।