हरियाणा: कृषि कानूनों के विरोध में कई गांवों ने भाजपा-जजपा नेताओं के प्रवेश पर रोक लगाई
क्या है खबर?
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के कई गांवों ने भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि दुष्यंत चौटाला की जजपा हरियाणा में भाजपा सरकार को समर्थन दे रही है।
हरियाणा में खाप पंचायतों के अलावा कई गांवों ने भाजपा और जजपा नेताओं की गांव में एंट्री के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किए हैं।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
विरोध
गांवों के रास्तों पर लगाए गए बैनर
कई गांवों में सभी रास्तों पर बैनर लगाए गए हैं कि भाजपा और जजपा के नेताओं का गांव में आना मना है।
साथ ही इन बैनरों में रिलायंस के उत्पादों के बहिष्कार और जियो के सिम को दूसरी कंपनियों में पोर्ट कराने की अपील की गई है।
गौरतलब है कि हरियाणा में इन दोनों पार्टियों के नेताओं को लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए कई नेताओं के दौरे रद्द हो चुके हैं।
विरोध
नेताओं का किया जा रहा घेराव
पंजाब के किसानों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने भारी बल प्रयोग किया था।
हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले फेंके और रास्तों में भारी बैरिकेडिंग की थी। इसके बाद से लगातार सरकार के प्रति किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
कई स्थानों पर भाजपा और जजपा नेताओं को विरोधस्वरूप काले झंडे दिखाए जा रहे हैं और उनका घेराव किया जा रहा है।
किसान आंदोलन
खट्टर को रद्द करनी पड़ी थी किसान महापंचायत
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानोें को विरोध के कारण बीते रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में बुलाई किसान महापंचायत को रद्द करना पड़ा था।
दरअसल, भाजपा ने कृषि कानूनों के समर्थन में इस महापंचायत का आयोजन किया था, लेकिन खट्टर के पहुंचने से पहले प्रदर्शनकारी किसान कैमला गांव में पहुंच गए और पंडाल को तहस-नहस कर दिया।
उन्होंने हेलीपैड को भी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद खट्टर को अपना दौरा रद्द करना पड़ा था।
जानकारी
दुष्यंत चौटाला भी झेल चुके ऐसा विरोध
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी किसानों का ऐसा विरोध झेल चुके हैं। चौटाला को उचाना में एक कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन किसानों ने उनका हेलिकॉप्टर उतरने के लिए बनाए गए हेलिपैड को खोद दिया था। इसके बाद चौटाला का दौरा रद्द हो गया।
कृषि कानून
किसानों के समर्थन में आ चुके हैं जजपा के कई विधायक
जननायक जनता पार्टी के कई विधायक खुले तौर पर किसानों के समर्थन में आ चुके हैं। इनमें से कई विधायक किसानों के साथ धरनों पर भी बैठ चुके हैं।
इसे देखते हुए मंगलवार को दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें 10 में से केवल आठ विधायक शामिल हए थे।
यहां विधायकों ने बताया कि अगर सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो यह सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए भारी पड़ सकता है।
मुलाकात
गृह मंत्री के बाद प्रधानमंत्री से मिले दुष्यंत चौटाला
सरकार से समर्थन वापस लेने के बढ़ते दबाव के साथ दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को मुख्यमंत्री खट्टर के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
बैठक के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है और यह अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
वहीं बुधवार को दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस बैठक में कृषि कानूनों के साथ-साथ दूसरे मुद्दों पर भी बात हुई थी।
विरोध की वजह
क्यों विरोध कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।