हरियाणा में शुरू हुआ शराब का उत्पादन, दुष्यंत चौटाला ने बताई क्या है वजह
बीते सप्ताह लॉकडाउन के बीच हरियाणा सरकार का एक फैसला काफी चर्चा में रहा था। दरअसल, खट्टर सरकार ने राज्य के डिस्टलरी और बॉटलिंग प्लांट को शराब उत्पादन शुरू करने का आदेश दिया था। हालांकि, इसमें शराब की बिक्री शुरू करने की बात नहीं कही गई थी। विपक्ष ने सरकार के इस फैसले पर जमकर निशाना साधा था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि हरियाणा में शराब की बिक्री शुरू नहीं हुई तो इसका उत्पादन क्यों हो रहा है?
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दिया इस सवाल का जवाब
हरियाणा सरकार ने इस फैसले के पीछे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का हवाला दिया है। बीबीसी से बात करते हुए उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ को एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (ENA) सप्लाई करने का प्रयास कर रहा है। ENA शराब की फैक्ट्रियों से निकलता है और इसका इस्तेमाल सैनिटाईजर बनाने में होता है। बता दें, आबकारी और कराधान विभाग चौटाला के अधीन काम करता है, जिसने शराब उत्पादन का आदेश दिया था।
बीयर कंपनियों की यह दलील भी बनी वजह
चौटाला ने दूसरी वजह बताते हुए कहा कि बीयर कंपनियों के पास काफी मात्रा में केमिकल तैयार है। अगर इसका इस्तेमाल बीयर को बोतलों में पैक करने के लिए नहीं किया गया तो यह सड़कर जहरीला पदार्थ बन जाएगा। इसका निपटान करना एक चुनौती होती।
लॉकडाउन के बाद की स्थिति के लिए तैयारी
चौटाला ने कहा कि सरकार लॉकडाउन खुलने के बाद की स्थिति के लिए भी तैयार रहना चाहती है। कहीं ऐसा न हो कि दुकानें खुल जाएं और वहां सप्लाई न हो सके। इसके साथ ही उन्होंने सरकार के पास राजस्व की कमी की बात भी कही। उन्होंने कहा कि राज्य परिवहन और जमीन की रजिस्ट्रियां बंद होने से सरकार की आमदनी रुकी हुई है। ऐसे में शराब की बिक्री से राजस्व इकट्ठा करने में मदद मिलती है।
सरकार को शराब बिक्री से मिला था 3,600 करोड़ का राजस्व
हरियाणा में राज्य परिवहन, जमीन की रजिस्ट्रियां और शराब की बिक्री सरकार के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्त्रोत है। साल 2019-20 में सरकार को 6,700 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जिसमें से 3,600 करोड़ रुपये अकेले शराब की बिक्री से मिले थे। औसत निकाली जाए तो अगर एक दिन शराब की बिक्री न हो तो राज्य सरकार को 10 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। इस साल सरकार शराब की बिक्री से 3,800 करोड़ रुपये कमाना चाहती है।
आदेश के बाद विपक्ष के निशानेे पर आई थी खट्टर सरकार
शराब उत्पादन का आदेश जारी करने के बाद खट्टर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि सरकार ने शराब लॉबी के सामने घुटने टेक दिए हैं। सरकार महामारी से लड़ने की जगह शराब की फैक्ट्रियां चलाने और शराब के ठेके खुलवाने को जनसेवा का रास्ता मान रही है। वहीं INLD विधायक अभय सिंह चौटाला ने फैसले के पीछे दुष्यंत चौटाला की मंशा पर सवाल उठाए थे।