दिल्ली की शीत लहर से बचने के लिए और वाटरप्रूफ टेंट लगाएंगे प्रदर्शनकारी किसान
क्या है खबर?
भीषण शीत लहर के बीच दिल्ली के बॉर्डर पर हटे हुए किसानों ने ठंड से बचने के लिए और अधिक वाटरप्रूफ टेंट लगाने का फैसला लिया है। दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर ये अतिरिक्त टेंट लगाए जाएंगे, ताकि प्रदर्शन कर रहे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से कोई समस्या न हो।
इतनी समस्याओं का सामना करने के बावजूद किसानों का कहना है कि वे कानूनों को वापस लिए जाने तक पीछे नहीं हटेंगे।
किसान आंदोलन
किसानों के प्रदर्शन का आज 23वां दिन
23वें दिन में प्रवेश कर चुके किसानों के आंदोलन में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत हजारों किसान सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं और दिल्ली की बढ़ती ठंड के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ठंड के कारण कई प्रदर्शनकारियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है और आगे ऐसी कोई घटना न हो, इसके लिए अब प्रदर्शन स्थल पर वाटरप्रूफ टेंटों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
बयान
किसान बोले- लंबे समय तक चलेगा आंदोलन, उसी हिसाब से कर रहे तैयारी
किसान नेता सलविंदर सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए कहा, "ये आंदोलन लंबे समय तक चलेगा। हमारे साथ महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक हैं, इसलिए उन्हें इस ठंडे मौसम से बचाने के लिए हम एक लंबा टेंट तैयार कर रहे हैं।"
वहीं एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम खुद को लंबे समय तक रहने के लिए तैयार कर रहे हैं क्योंकि काले कानूनों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। ठंड बढ़ रही है, इसलिए हम और टेंट लगा रहे हैं।"
मदद
हाल ही में पेट्रोल पंप पर बनाई गई थी टेंट सिटी
बता दें कि हाल ही में गुरूद्वारा समितियों और एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने भी सिंघु बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारियों को ठंड से राहत देने के लिए एक पेट्रोल पंप को टेंट सिटी में तब्दील कर दिया था। इस सिटी में छोटे-छोटे कई टेंट लगाए गए थे, जिसमें किसान अपनी रात आसानी से गुजार सकते हैं।
इसके अलावा रोटी बनाने वाली मशीन से लेकर कपड़े धोने की मशीनें और मोबाइल फोन चार्ज करने की सुविधा भी मौके पर मौजूद है।
शीत लहर
दिल्ली में चार दिन से तापमान सर्द या बेहद सर्द की श्रेणी में
गौरतलब है कि दिल्ली में बीते कई दिन से कड़ाकेदार ठंड पड़ रही है और पिछले चार दिन से यहां तापमान 'सर्द' या 'बेहद सर्द' की श्रेणी में बना हुआ है।
गुरूवार को यहां अधिकतम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस रहा। ठंडी हवाओं ने मुसीबतों को और बढ़ाया है और लोगों को महसूस होने वाला तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग ने 21 दिसंबर तक शीत लहर जारी रहने का अनुमान लगाया है।
प्रदर्शन
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
गतिरोध
अब तक असफल रही है किसानों और सरकार के बीच की बातचीत
इन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीने से सड़कों पर हैं और 25 नवंबर से दिल्ली के आसपास डटे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बैठक भी हो चुकी है, हालांकि इनमें समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला है।
सरकार ने किसानों को कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, हालांकि किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और वे कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।