
प्रधानमंत्री मोदी की किसानों से हाथ जोड़कर अपील, कहा- हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार
क्या है खबर?
नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले 24 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच अब तक बात नहीं बन पाई है।
सरकार लगातार किसानों ने उनकी दुविधाओं को दूर करने की बात कह रही है, वहीं किसान कानूनों को निरस्त कराने की मांग पर अड़े हैं।
इसी बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसानों से हाथ जोड़कर अपील की है कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
मुद्दा
क्या है किसानों के विरोध का कारण?
सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत 25 नवंबर से अपने आंदोलन को तेज कर दिया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था।
किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।
वार्ता
अब तक विफल रही है सभी वार्ताएं
बता दें कि सरकार और किसानों में अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी हैं और सभी बेनतीजा रही हैं। किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं, सरकार संशोधन करने को तैयार है।
गत बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार को लिखित में जवाब दिया गया है। किसान मोर्चा ने सरकार से अपील की है कि वह आंदोलन को बदनाम ना करें और सभी किसानों से एकसाथ बात करें।
बचाव
प्रधानमंत्री ने फिर किया कृषि कानूनों का बचाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित किया।
उन्होंने कृषि कानूनों का दृढता से बचाव करते हुए कहा कि इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा। यदि किसानों को इन कानूनों से कोई आपत्ति है तो वह हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर किसानों से हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। वह भरोसा दिलाते हैं कि सरकार किसानों के कानूनों से जुड़े हर मुद्दे का समाधान करेगी।
झूठ
MSP खत्म होने की बात करना सबसे बड़ा झूठ- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए कृषि कानूनों से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म होने की बात करना अब तक का सबसे बड़ा झूठ है।
उन्होंने MSP खत्म होने का दावा करने वालों को भी घेरते हुए कहा कि कृषि कानून रातोंरात नहीं लाए गए हैं। पिछले 22 सालों में हर सरकार, राज्य ने इन पर विस्तार से चर्चा की है। किसान समूहों, कृषि विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों, वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों ने भी सुधारों का आह्वान किया है।
जानकारी
कृषि कानूनों को पचा नहीं पा रहे हैं विपक्षी दल- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष का दर्द यह है कि उन्हें पच नहीं रहा है कि जो वो नहीं कर पाए वो मोदी ने कैसे कर दिया और उन्हें इस बात का श्रेय क्यों मिलना चाहिए? उनके घोषणापत्र में इन सुधारों का जिक्र है।
खिलवाड़
विपक्षी दल किसानों के भविष्य से कर रहे हैं खिलावाड़- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया भर में प्रतिस्पर्धा के माहौल में भारत का किसान पीछे नहीं रह सकता है और उसे भी वैश्विक संसाधनों और तकनीकों की मदद मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने अब तक किसानों की मदद करने की बजाय अपनी खुद की मदद की है। यही वजह है कि वह किसानों की भलाई के लिए किए गए कृषि सुधारों का विरोध कर रहे हैं। वो किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
धोखा
विपक्षी दलों ने दिया किसानों को धोखा- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर ही किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने झूठे वादों के साथ किसानों के साथ खिलवाड़ किया है।
उन्होंने आगे कहा कि सभी विपक्षी दलों ने अपने घोषणापत्रों में कभी न कभी कृषि कानूनों का जिक्र किया था, लेकिन अब राजनीतिक फायदे के लिए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
आश्वासन
नए कृषि कानूनों से MSP पर नहीं पड़ेगा कोई असर- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि नए कानूनों के जरिये MSP पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले की तरह किसानों को मिलता रहेगा। ऐसे में किसानों को चिंता की जरूरत नहीं है।
इसके अलावा कृषि कानूनों पर सरकार किसानों की हर आशंका और आपत्ति का समाधान करने को तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह किसानों से हाथ जोड़कर वार्ता करने की अपील करते हैं।