देश में दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी कोरोना की तीसरी लहर- ICMR
भारत में कोरोना की तीसरी लहर अप्रैल-मई के दौरान आई दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने यह उम्मीद जताई है। इनके अध्ययन में सामने आया है कि वैक्सीनेशन अभियान मौजूदा और भविष्य में आने वाली संभावित लहरों के खतरे को कम कर सकता है। गौरतलब है कि कई वैज्ञानिकों ने अक्टूबर तक देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है।
दो लहरों का सामना कर चुका है भारत
भारत में जनवरी, 2020 से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई और पहली लहर मध्य सितंबर तक पीक पर पहुंच गई थी। यह अप्रैल-मई के दौरान भारी तबाही मचाने वाली दूसरी लहर की तुलना में कम खतरनाक थी। इस साल मार्च से कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के चलते देश में तेजी से मामले बढ़ने लगे और अप्रैल-मई तक हालात नियंत्रण से बाहर हो चुके थे। इन दो महीनों में संक्रमण और मौतों के सारे रिकॉर्ड टूट गए थे।
दूसरी लहर जितनी गंभीर नहीं होगी तीसरी लहर- अध्ययन
अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में संक्रमण के प्रसार को देखते हुए अगर तीसरी लहर आती है तो यह दूसरी लहर जितनी गंभीर नहीं होगी। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कोरोना संक्रमण के विस्तृत प्रसार को देखते हुए लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी हुई है। ऐसी स्थिति में किसी वायरस का फैलना बेहद मुश्किल होता है।
कब आ सकती है तीसरी लहर?
वैज्ञानिकों ने अध्ययन में कहा है कि भारत में महामारी की तीसरी लहर तब तबाही मचा सकती है, जब पहले संक्रमित हो चुके कम से कम 30 प्रतिशत लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह समाप्त हो जाए या वायरस का ऐसा वेरिएंट आ जाए, जिसकी रिप्रोडक्शन रेट 4.5 से ज्यादा हो (यानी एक संक्रमित व्यक्ति अपने संपर्क में आए 4-5 लोगों तक संक्रमण फैलाए) और यह सब दूसरी लहर के तुरंत बाद होना चाहिए।
वैक्सीनेशन से कम हो जाएगा तीसरी लहर का खतरा- अध्ययन
अध्ययन में बताया गया है कि वैक्सीनेशन के चलते भारत में तीसरी लहर का खतरा कम हो जाएगा। साथ ही इसमें कहा गया है कि वैक्सीनेशन इस तरह होना चाहिए कि दूसरी लहर के समाप्त होने के तीन महीनों के भीतर देश की कम से कम 40 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराकें लग जाएं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि संक्रमण को रोकने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कदम अहम भूमिका निभाते हैं।
अक्टूबर तक तीसरी लहर आने की आशंका
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक पोल में शामिल 21 विशेषज्ञों ने कहा था कि भारत में अक्टूबर तक महामारी की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। इनमें से तीन ने अगस्त और 12 ने सितंबर तक तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। बाकी तीन ने कहा कि नवंबर और फरवरी के बीच भारत में महामारी की तीसरी लहर आएगी। वहीं करीब 70 प्रतिशत विशेषज्ञों ने कहा कि इस बार हालातों पर बेहतर नियंत्रण होगा।
देश में फिलहाल क्या है स्थिति?
देश में बीते कई हफ्ते से कोरोना मामलों में गिरावट आ रही है और हालात बेहतर हो रहे हैं। बीते दिन की बात करें तो देश में कोरोना के 48,698 नए मामले सामने आए और 1,183 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,01,83,143 हो गई है। इनमें से 3,94,493 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 5,95,565 रह गई है।