कोरोना वैक्सीन: जुलाई से बच्चों पर कोवावैक्स का ट्रायल शुरू करेगी SII- रिपोर्ट
क्या है खबर?
देश में अगले महीने से बच्चों के लिए एक और वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो रहा है।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) जुलाई से कोवावैक्स वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल शुरू करेगी। NDTV ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
कोवावैक्स को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने तैयार किया है और सीरम इंस्टीट्यूट इसका उत्पादन करेगी।
भारत में जुलाई से ही इसके तीसरे चरण का ट्रायल शुरु होगा और सितंबर तक इसके उपलब्ध होने की उम्मीद है।
जानकारी
कोवावैक्स की 200 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी SII
SII ने अगस्त में वैक्सीन के भारत में उत्पादन, ट्रायल और वितरण को लेकर नोवावैक्स से करार किया था।
कंपनी ने वैक्सीन का नाम NVX‑CoV2373 दिया है, जबकि भारत में इसे कोवावैक्स के नाम से जाना जाएगा।
साझेदारी के तहत SII वैक्सीन की 200 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी। इनमें से 100 करोड़ खुराकें भारत और कम आय वाले देशों के लिए होंगी।
कंपनी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर व्यस्कों पर इसके ट्रायल कर रही है।
कोरोना वायरस वैक्सीन
व्यस्कों पर 90 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है कोवावैक्स
अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने सोमवार को बताया था उसकी वैक्सीन ने अमेरिका और मेक्सिको में हुए बड़े स्तर के ट्रायल में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता दिखाई है। सब-प्रोटीन पर आधारित दो खुराक वाली इस वैक्सीन को अमेरिका और मेक्सिको की 119 जगहों पर लगभग 30,000 लोगों पर परखा गया था।
कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन मध्यम और गंभीर संक्रमण के खिलाफ 100 प्रतिशत और कुल मिलाकर 90.4 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।
खासियत
ये हैं कोवावैक्स की खास बातें
कंपनी का कहना है कि कोवावैक्स की खुराक लगने के बाद अगर व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज उसके स्पाइक प्रोटीन को लॉक कर देगी। इससे वायरस कोशिकाओं में नहीं जा पाएगा और व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा।
साथ ही कहा जा रहा है कि इस वैक्सीन को रखने के लिए बहुत कम तापमान की जरूरत नहीं होगी, जिससे सुदूर इलाकों में इसे पहुंचाना आसान हो जाएगा और स्टोरेज को लेकर भी चुनौतियां कम होंगी।
जानकारी
बच्चों पर पहले से चल रहा है कोवैक्सिन का ट्रायल
भारत में पहले से ही भारत बायोटेक की स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सिन का बच्चों पर ट्रायल चल रहा है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पिछले महीने भारत बायोटेक को 2-18 साल तक के बच्चों और किशोरों पर कोवैक्सिन के ट्रायल की मंजूरी दी थी। देशभर में कई जगहों पर 525 वॉलेंटियरों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा।
कोवैक्सिन के अलावा सरकार जाइडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को भी बच्चों पर इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।
वैक्सीनेशन अभियान
सरकार ने बनाई 13 करोड़ बच्चों के वैक्सीनेशन की योजना
केंद्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए दिसंबर तक सभी नागरिकों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है। हाल ही में आई खबर के अनुसार, केंद्र बच्चों को भी वैक्सीनेशन अभियान में शामिल करने की योजना बना रहा है।
सरकार 12-18 साल के लगभग 13 करोड़ बच्चों का वैक्सीनेशन करने पर विचार कर रही है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इसके लिए मुख्य तौर पर कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कोरोना वायरस
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 26,55,19,251 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 34,63,961 खुराकें लगाई गईं। देश में वैक्सीनेशन अभियान धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है।
देश में अब तक 21,58,48,080 लोगों को वैक्सीन की एक खुराक और 4,96,71,171 लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
सरकार मध्य जुलाई से रोजाना एक करोड़ खुराकें लगाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।