महाराष्ट्र: सात संक्रमितों में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि, एक ही जिले से पांच मामले
देश में महामारी से सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के सात मामले सामने आए हैं। रत्नागिरी, नवी मुंबई और पालघर इलाकों से लिए गए सैंपलों में इस वेरिएंट की पुष्टि हुई है। सरकार ने इस नए वेरिएंट का प्रसार का पता लगाने के लिए कुछ और सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि यह वेरिएंट महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है।
जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल- लहाने
राज्य के मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (DMER) के निदेशक डॉ टीपी लहाने ने बताया, "हमें नवी मुंबई, पालघर और रत्नागिरी में नया वेरिएंट मिला है। जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए हमने कुछ और सैंपल भेजे हैं।" गौरतलब है कि पूरे राज्य में दैनिक मामले में कम होने के बावजूद पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, सतारा और सांगली जैसे जिलों में पॉजीटिविटी रेट ऊंची बनी हुई है और मामले भी कम नहीं हो रहे।
अकेले रत्नागिरी में सामने आए पांच मामले
राज्य में जिन सात लोगों में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई है, उनमें से पांच मामले रत्नागिरी में दर्ज हुए हैं। 10 जून को इस जिले में पॉजीटिविटी रेट 13.7 प्रतिशत थी, जबकि राज्य का औसत निकाला जाए तो यह 5.8 प्रतिशत बनी हुई है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, रत्नागिरी में कोरोना के 6,553 सक्रिय मामले हैं और यह महाराष्ट्र के सर्वाधिक सक्रिय मामलों वाले शीर्ष 10 जिलों में शामिल हैं।
दो लोगों में महामारी के लक्षण नहीं- सिविल सर्जन
रत्नागिरी के सिविल सर्जन डॉ संघमित्रा गावड़े ने कहा कि पांच लोगों में नए वेरिएंट की पुष्टि होते ही उनके गांवों को सील कर दिया गया है और कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। इनमें से दो लोगों में महामारी के कोई लक्षण नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है, वहां के लोग अकसर विदेशी यात्राओं पर जाते रहते हैं। हालांकि, संक्रमित व्यक्तियों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।
डेल्टा से कैसे अलग है डेल्टा प्लस वेरिएंट?
अधिकारियों ने बताया कि डेल्टा वेरिएंट एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर पूरे के पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले रहा था, लेकिन डेल्टा प्लस के मामले में अभी तक ऐसा नहीं दिख रहा है।
तीसरी लहर का कारण बन सकता है डेल्टा प्लस वेरिएंट- टास्क फोर्स
महाराष्ट्र सरकार की कोविड-19 टास्क फोर्स ने डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण राज्य में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। बीते बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने कहा कि तीसरी लहर के दौरान मरीजों की संख्या दूसरी लहर से भी अधिक रह सकती है। अधिकारियों ने तीसरी लहर को सीमित रखने के लिए कोविड संबंधी नियमों का अच्छे से पालन जारी रखने की सलाह भी दी।
एक-दो महीने में आ सकती है तीसरी लहर- टास्क फोर्स
तीसरी लहर की तैयारियों की समीक्षा के लिए हुई बैठक में कोविड टास्क फोर्स ने मुख्यमंत्री ठाकरे को बताया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट महाराष्ट्र में तीसरी लहर का कारण बन सकता है और अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो यह लहर एक या दो महीने में आ सकती है। उन्होंने कहा कि जैसे दूसरी लहर में पहली लहर से अधिक मामले सामने आए थे, वैसे ही तीसरी लहर में दूसरी लहर से ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं।
क्या है कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट?
सबसे पहले भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) में अब एक और म्यूटेशन हुआ है। इस म्यूटेशन के साथ इसे 'डेल्टा प्लस' या 'AY.1' वेरिएंट के नाम से जाना जा रहा है। डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में K417N म्यूटेशन होने के बाद यह डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है। यह वेरिएंट अभी तक भारत समेत 10 देशों में पाया जा चुका है। यह एंटीबॉडी कॉकटेल से मिली सुरक्षा को चकमा देने में भी कामयाब हो रहा है।