सुप्रीम कोर्ट ने किया पुराने फैसले में बदलाव, केवल गरीबों का होगा फ्री कोरोना वायरस टेस्ट
अपने पुराने फैसले में बदलाव करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल गरीबों को प्राइवेट लैब में फ्री कोरोना वायरस टेस्टिंग की सुविधा दी जाएगी। इससे पहले अपने पुराने फैसले में कोर्ट ने प्राइवेट लैब को सभी लोगों का फ्री में टेस्ट करने का आदेश दिया था। इसके बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मामले में एक हलफनामा दाखिल किया और इस पर गौर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बदलाव किया है।
क्या है पूरा मामला?
वकील शशांक देव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्राइवेट लैबों को कोरोना वायरस टेस्ट फ्री में करने का आदेश देने को कहा था। अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि सरकारी अस्पताल पूरी तरह से भरे हुए हैं और एक आम आदमी के लिए सरकारी लैब में टेस्ट कराना बेहद मुश्किल हो गया है। उनकी दलीलें सुनने के बाद आठ अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट लैबों में फ्री टेस्ट करने का आदेश दिया था।
फैसले पर उठे थे कई सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश की एक बड़ी जनसंख्या प्राइवेट लैबों में कोरोना वायरस टेस्ट की फीस देने के काबिल नहीं है और टेस्ट के लिए भुगतान न कर पाने की अक्षमता के कारण किसी को भी टेस्ट से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इस फैसले पर कई सवाल उठे थे और इसे सरकारी कामकाज में दखलअंदाजी माना गया था, खासकर ये देखते हुए कि अभी तक सरकार टेस्टिंग को प्रभावी तरीके से संभालने में कामयाब रही है।
ICMR ने हलफनामा दाखिल कर कहा- पहले से ही हो रही फ्री में टेस्टिंग
इसके बाद आज ICMR ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर उससे अपने पुराने को बदलने और फ्री टेस्ट वाली याचिका को खारिज करने की मांग की थी। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के लाभार्थियों के लिए पहले से ही प्राइवेट लैबों में भी टेस्टिंग फ्री है। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि PMJAY के तहत 50 करोड़ लोग पहले से ही फ्री टेस्ट के हकदार हैं।
केवल EWS और PMJAY लाभार्थी फ्री टेस्टिंग के हकदार- सुप्रीम कोर्ट
ये दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने आठ अप्रैल के फैसले में बदलाव करते हुए कहा कि केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) और PMJAY के तहत आने वाले लोगों को प्राइवेट लैबों में फ्री कोरोना वायरस टेस्टिंग की सुविधा दी जाएगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हफ्ते के अंदर फ्री टेस्टिंग के पात्र अन्य EWS वर्गों के बारे में उसे सूचित करने का आदेश भी दिया है।
4,500 रुपये में एक टेस्ट करती हैं प्राइवेट लैब
बता दें कि केंद्र सरकार 12 राज्यों की 68 प्राइवेट लैबों को कोरोना वायरस का टेस्ट करने की इजाजत दे चुकी है और एक टेस्ट की कीमत 4,500 रुपये निर्धारित की है। इसके अलावा लगभग 120 सरकारी लैबों में पहले से ही फ्री टेस्टिंग हो रही है। रविवार तक देशभर में कोरोना वायरस के दो लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। अब तक 9,352 लोगों को इससे संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 324 की मौत हुई है।