श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के दौरान रेलवे परिसरों में हुई 110 प्रवासियों की मौत
लॉकडाउन में शुरू की गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के दौरान रेलवे परिसर में लगभग 110 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई थी। इन मौतों की वजह पहले से चली आ रही बीमारियों और कोरोना वायरस को बताया जा रहा है। इनके अलावा कुछ मौतों को रिकॉर्ड नहीं किया गया है क्योंकि इन मामलों में लाशें रेलवे ट्रैक पर मिली थी। माना जा रहा है कि ये मौतें रेल से कुचले जाने के कारण हुई हैं।
सरकार ने कही एक भी मौत न होने की बात
वहीं सरकार ने कई मौकों पर कहा है कि रेलवे परिसरों में खाने और पानी की कमी की वजह से कोई मौत नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले में भी सरकार ने यही दलील दी है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर करने वाले प्रवासी मजदूरों को फ्री में खाना और पानी दिया जा रहा था। मौत के आंकड़ें अलग-अलग राज्यों से जुटाए गए हैं, जहां फंसे 63.07 लाख मजदूरों के लिए 4,611 श्रमिक ट्रेनें चली थीं।
बीते साल हर रोज हुई 75 मौतें
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगर आम दिनों की बात करें तो पिछले साल रेलवे परिसरों में रोजाना 75 लोगों की मौत हुई थी। इनकी वजह ट्रैक पार करते समय होने वाले हादसे, प्राकृतिक मौत, ट्रेन से गिरने और सफर करते समय खंभों से टकराना आदि थी। हर राज्य में होने वाली ऐसी मौतों के आकंड़े जुटाने की जिम्मेदारी गर्वनमेंट रेलवे पुलिस (GRP) की होती है। पिछले साल रेलवे दुर्घटना के कारण एक भी मौत नहीं हुई थी।
पहले रेलवे ने बीमारियों को बताया था वजह
इससे पहले श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के दौरान होने वाली कुछ मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए रेलवे की तरफ से कहा गया था कि इन लोगों को पहले से कोई बीमारियां थीं और कुछ इलाज के बाद वापस लौट रहे थे।
प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई थीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनें
केंद्र सरकार के आदेश पर लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनें चलाई थीं। इन्हें 'श्रमिक एक्सप्रेस' का नाम दिया गया था। हालांकि, इन ट्रेनों में यात्रा के दौरान प्रवासी मजदूरों की मौतों का मामला भी चर्चा में रहा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन ट्रेनों में 9 से 27 मई के बीच यानी 18 दिन में कुल 80 लोगों की मौत हुई थी।
NHRC ने जारी किया था नोटिस
ट्रेनों में हो रही यात्रियों की मौत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए रेलवे और कुछ राज्यों के मुख्य सचिवों को नोटिस भी जारी किया था। NHRC ने कहा था कि रेलवे द्वारा चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में भोजन, पानी और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण मजदूरों के साथ बर्बरता की जा रही है। सरकार गरीब तबके के लोगों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार नहीं कर सकती है।