प्रवासी मजदूरों के साथ आज का दूसरा बड़ा हादसा, ट्रक पलटने से छह की मौत
उत्तर प्रदेश के औरेया में प्रवासी मजूदरों के साथ हुए सड़क हादसे को कुछ ही घंटे बीते थे कि मध्य प्रदेश में भी ऐसी ही एक और घटना हो गई। यहां के सागर जिले के बांदा इलाके में ट्रक पलटने से छह प्रवासी मजूदरों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि ट्रक में 18 लोग सवार थे, जो महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश स्थित अपने घर जा रहे थे।
चार महिलाओं और दो पुरुषों की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सड़क हादसा सागर छत्तरपुर सीमा के पास हुआ। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया। सागर के SP अमित सांघी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हादसे में चार महिलाओं और दो पुरुषों की मौत हुई है। घायलों की बांदा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
औरेया में हुई थी 24 मजदूरों की मौत
इससे पहले शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश के औरेया जिले में दो ट्रकों में भिड़ंत में 24 मजूदरों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा घायल हो गए। ये सभी मजदूर लॉकडाउन के कारण राजस्थान में फंसे हुए थे और वहां से बिहार और झारखंड के अलग-अलग जिलों में जा रहे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया हादसे पर दुख
औरेया में प्रवासी मजदूरों के साथ हुए हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उनके अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने भी हादसे को दुखद बताया है।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
औरेया हादसे पर राजनीति भी तेज हो गई है। प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाने के इंतजामों में कमी के आरोप लगाकर विपक्षी नेताओं ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने पूछा कि क्या सरकार का काम महज बयानबाजी करना रह गया है और वह मजदूरों को घर भेजने के लिए समुचित व्यवस्था क्यों नहीं कर पा रही है? मजदूरों के लिए प्रदेश के अंदर बसें क्यों नहीं चलाई जा रही हैं?
मायावती और अखिलेश ने भी घेरा
मायावती ने हादसे के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कल मुख्यमंत्री ने मजदूरों के लिए व्यवस्था करने की बात कही थी, लेकिन अधिकारी उनकी बात गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा कि ऐसे हादसे मृत्यु नहीं हत्या हैं। उन्होंने मृतकों के परिवारों को एक-एक लाख रुपये की मदद पहुंचाने का भी ऐलान किया है।
इन वजहों से सड़कों पर चलने को मजबूर हैं मजदूर
गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण अधिकतर इलाकों में काम-धंधे बंद है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति में उनके पास घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। वहीं वाहन बंद होने के कारण वो पैदल, साइकिल या सामान ले जा रहे ट्रकों में छिपकर एक जगह से दूसरी जगह जाने को मजबूर है। इसके चलते बीते हफ्तों में सड़क हादसों के कारण मौत का शिकार हुए मजदूरों की संख्या बढ़ी है।