पेट की भूख के आगे मजबूर हुआ मजदूर, जबलपुर में वेंडिंग मशीन तोड़कर लूट लिया खाना
कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकने के लिए देश में चल रहे लॉकडाउन ने प्रवासी मजदूरों को मजबूर बना दिया है। पिछले कई दिनों से भूखे-प्यासे रहकर अपने घर के लिए निकले इन मजूदरों का धैर्य अब जवाब दे गया है। पेट की भूख के आगे ये मजबूर हो गए हैं और खाने के लिए तोड़फोड़ और छीनाझपटी पर उतारू हैं। शनिवार को भी इन मजदूरों ने भूख के चलते जबलपुर रेलवे स्टेशन पर लगे वेंडिंग मशीन को लूट लिया।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में खाना नहीं मिलने पर फूट पड़ा गुस्सा
पश्चिम मध्य रेलवे की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (PRO) प्रियंका दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार को मुंबई से बिहार के दानापुर के लिए रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन शनिवार सुबह मध्य प्रदेश के जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर पहुंची थी। उस दौरान रास्ते में खाना-पानी नहीं मिलने से कुछ मजदूरों का गुस्सा वहां लेगी वेंडिंग मशीन पर टूट पड़ा। इन श्रमिकों ने मशीन को तोड़ दिया और उसमें रखी खाने-पीने की चीजों को लूट लिया।
यहां देखें जबलपुर की घटना का वीडियो
स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों को रोकने वाला नहीं था कोई
PRO दीक्षित ने बताया कि घटना के समय स्टेशन पर मजदूरों को रोकने के लिए स्टेशन प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। इसी तरह रेलवे पुलिस बल के जवान भी नहीं थे। ऐसे में भूखे मजदूरों ने वेंडिंग मशीन पर हमला बोल दिया। उन्होंने बताया कि ऐहतियात के तौर पर सभी स्टेशनों पर लगी वेंडिंग मशीनों को हटा लिया गया है। इसके अलावा रेलवे मंडल प्रशासन की ओर से स्टेशनों पर खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है।
वीडियो वायरल होने के बाद जांच के लिए पहुंचे अधिकारी
सुबह प्रवासी मजदूरों द्वारा वेंडिंग मशीन तोड़ने की घटना का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे मंडल के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच की। इसमें वेंडिंग मशीन के टूटी मिली और खाने की चीजें गायब थीं।
कटिहार स्टेशन पर लूट लिए थे खाने के पैकेट
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सवार प्रवासी मजदूरों के इस तरह से खाने के लिए उग्र होने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले गत गुरुवार को भी दिल्ली से बिहार के कटिहार स्टेशन पहुंची स्पेशल ट्रेन में सवार श्रमिकों ने पेटी की आग बुझाने के लिए वहां बांटे जा रहे खाने के पैकेटों को छीन लिया था। खाने के की गई इस मशक्कत में सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जियां उड़ी थी और श्रमिकों को रोकने वाला कोई नहीं था।
रेलवे अधिकारियों ने दी थी यह सफाई
नॉर्दर्न फ्रंटियर रेलवे के प्रवक्ता शुभानन चंद्र ने घटना के संबंध में कहा था कि सभी कोचों में खाने के पैकेट बांटे जा रहे थे। इसमें कुछ समय लगने के कारण श्रमिकों ने छीनाझपटी शुरू कर दी थी। बाद में व्यवस्था संभाल दी गई थी।
यहां देखें कटिहार स्टेशन की घटना का वीडियो
प्रवासी मजदूरों ने बरौनी स्टेशन पर लूटा खाना-पानी
इसी तरह गत बुधवार को कैमूर से बेगुसराय के लिए रवाना हुई स्पेशल ट्रेन जब बरौनी स्टेशन पर पहुंची तो भूखे-प्यास मजदूर वहां वितरित किए जा रहे नाश्ते और पानी की बोतलों पर टूट पड़े। जिसके हाथ जो लगा वह उसे लेकर फरार हो गया। इस दौरान भी सोशल डिस्टैंसिंग नाम की जीच नजर नहीं आ रही थी। अधिकारियों का कहना था कि उम्मीद से अधिक संख्या में मजदूरों के पहुंचने के कारण ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा।
क्वारंटाइन सेंटर में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं होने पर उग्र हुए मजदूर
श्रमिक स्पेशन ट्रेनों के अलावा क्वारंटाइन सेंटरों में भी खाना-पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रवासी मजदूरों का गुस्सा फूट रहा है। मंगलवार को रानीगंज प्रखंड के कलावती स्कूल में बने क्वारंटाइन सेंटर में क्वारंटाइन किए गए प्रवासी मजदूरों ने खाना-पानी और सफाई की उचिव व्यवस्था नहीं होने पर हंगामा कर दिया था और सड़क पर उतर आए थे। हालांकि उस दौरान अधिकारियों ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत करा दिया था।
सरकार कर रही प्रवासी मजदूरों का पूरा ध्यान रखने का दावा
एक तरफ सरकार कह रही है कि प्रवासी मजदूरों की आवश्यक जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। रेलवे कह रहा है कि वह अपनी तरफ से 85 प्रतिशत राशि खर्च कर प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचा रहा है और उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था कर रहा है। इसके बाद भी प्रवासी मजदूरों द्वारा इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने से सरकार और रेलवे की ओर से किए जा रहे दावों की पोल खुलती नजर आ रही है।