
#Exclusive: बच्चों में कोरोना वायरस के संक्रमण से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब
क्या है खबर?
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में युवाओं के अधिक प्रभावित होने के बाद अब तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
अभी इस बात पर अध्ययन जारी है कि तीसरी संभावित लहर का बच्चों पर कितना प्रभाव पड़ेगा। इस पर विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के अलग-अलग दावे भी सामने आ रहे हैं।
ऐसे में न्यूजबाइट्स ने इसी विषय पर बाल विशेषज्ञ डॉ जसप्रीत कौर से बातचीत की। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा।
जानकारी
क्या बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से अधिक खतरा है?
डॉ कौर का कहना है कि कोरोना वायरस की संभावित लहर का बच्चों पर क्या असर पड़ेगा, इसे लेकर कई सर्वे किए जा रहे हैं। इन सर्वे में वयस्कों के मुकाबले बच्चों में SARS-CoV-2 की सीरो पॉजिटिविटी रेट ज्यादा थी जिसका मतलब बच्चे पहले ही बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि ये पक्का नहीं है कि भविष्य में कोविड-19 का मौजूदा स्वरूप किसी भी उम्र के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगा।
सर्वे
पांच राज्यों में 55.7 प्रतिशत रही थी बच्चों की सीरो पॉजिटिविटी
कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर का बच्चों पर कितना प्रभाव पड़ेगा, इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन और AIIMS का भी सर्वेक्षण सामने आया है।
यह सर्वेक्षण देश के पांच राज्यों में किया गया और इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों में सीरो पॉजिटिविटी 55.7 फीसद पाई गई यानि इतने बच्चों को पहले ही कोरोना हो चुका है।
दूसरी लहर में 1 से 10 साल तक की उम्र के 3.05 प्रतिशत बच्चे संक्रमण की चपेट में आए थे।
लक्षण
ये लक्षण नजर आने पर कराएं बच्चे का कोरोना टेस्ट
डॉ जसप्रीत कौर ने बताया कि अगर बच्चे को बुखार, जुकाम, गले में खराश, थकान, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में दर्द, स्वाद या सूंघने की क्षमता घटने के साथ-साथ लगातार खांसी हो तो तुरंत ही उसका कोरोना टेस्ट कराएं।
यही नहीं, बच्चे को ठंड लगना, नाक का बंद होना, नाक का बहना, सांस लेने में कठिनाई, मतली, उल्टी जैसा लगना, डायरिया और भूख में कमी आना भी कोरोना वायरस से संक्रण के लक्षण हो सकते हैं।
बचाव
बच्चों को कोरोना वायरस से बचाए रखने के लिए क्या करें?
डॉ कौर ने बताया कि अगर बच्चा पांच साल या इससे अधिक उम्र का है तो उसे बाहर ले जाते समय मुंह पर मास्क और हाथों में ग्लव्स पहनाएं।
वहीं पांच साल से कम उम्र के बच्चे को घर से ज्यादा बाहर न लेकर जाएं और उसे बार-बार अपना चेहरा छूने से रोकें।
अगर माता-पिता या फिर घर का कोई अन्य व्यक्ति बच्चे के पास हो तो उसके मुंह पर मास्क होना चाहिए और उसके हाथ साफ होने चाहिए।
इलाज
बच्चे के कोरोना संक्रमित होने पर माता-पिता को क्या करना चाहिए?
डॉ कौर ने कहा कि अगर कोई बच्चा कोरोना से संक्रमित हो जाए तो माता-पिता को घबराना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर बच्चे को बुखार, खांसी, गला खराब और पेट में दर्द जैसे हल्के लक्षण हैं तो उसे घर पर ही आइसोलेट करके बाल चिकित्सक की सलाह से उसका इलाज करें।
वहीं अगर बच्चे को लगातार तेज बुखार है और उसे सांस लेने में परेशानी है तो उसे तुरंत अस्पताल में एडमिट कराएं।
सलाह
संक्रमण से ठीक होने के बाद बच्चे का नॉर्मल रूटीन शुरू कर देना चाहिए?
इस मुद्दे पर डॉ कौर ने कहा कि संक्रमण से ठीक होने के बाद बच्चे का नॉर्मल रूटीन शुरू कर देना चाहिए क्योंकि ऐसा न करने से वह मानसिक विकारों से घिर सकता है। हालांकि इस दौरान थोड़ी सावधानी बरतें।
उदाहरण के लिए, माता-पिता बच्चे को खेलने से न रोकें और बच्चे की हाइजीन का पूरा ध्यान रखें।
बेहतर होगा कि माता-पिता या फिर घर का कोई बड़ा हमेशा बच्चे के साथ रहे।
डाइट
बच्चों की डाइट में किस तरह के खाद्य पदार्थ होने चाहिए?
डॉ कौर के अनुसार, अगर बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाए तो इससे उन्हें अंदरूनी ताकत मिलेगी और वह कुछ हद तक संक्रमण से बचे रह सकते हैं।
इसके लिए माता-पिता बच्चे की डाइट में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट और फैट जैसे जरूरी पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें।
इसी के साथ बच्चे को खूब पानी पिलाएं और ताजे फलों के रस का सेवन भी कराएं।
शारीरिक सक्रियता
क्या योगाभ्यास की मदद से बच्चे कोरोना वायरस के जोखिम से बचे रह सकते हैं?
डॉ कौर के मुताबिक, न सिर्फ योग बल्कि कोई भी एक्सरसाइज बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसलिए माता-पिता अपने बच्चों को नियमित रूप से कुछ मिनट दंड-बैठक जैसी एक्सरसाइज और योगासन के तौर पर प्राणायामों का अभ्यास जरूर कराएं।
इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलेगी और मानसिक विकार भी दूर होंगे। इसी के साथ उन्हें कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलेंगे।
जानकारी
कोरोना से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले घरेलू नुस्खे बच्चों के लिए सही हैं?
कई लोग अपने बच्चों को कोरोना से बचाए रखने के लिए काढ़े के सेवन जैसे कई घरेलू नुस्खे अपना रहे हैं, हालांकि डॉ कौर का कहना है कि ये घरेलू नुस्खे बच्चों की सेहत के लिए सही नहीं हैं, इसलिए बच्चों को इनसे दूर रखें।