अपने छोटे बच्चे को दे रहे हैं फॉर्मूला मिल्क तो इन बातों पर दें खास ध्यान
क्या है खबर?
विशेषज्ञों के माने तो छोटे बच्चे के लिए मां का दूध ही सर्वोत्तम माना जात है, लेकिन किसी कारणवश मां का दूध बच्चे के लिए पर्याप्त नहीं होता। ऐसे में डॉक्टर बच्चे को फार्मूला मिल्क देने का सुझाव देते हैं।
वैसे तो यह मां के दूध का स्थान नहीं ले सकता, लेकिन फिर भी बच्चे के लिए यह बेहतर विकल्प माना जाता है।
हालांकि, बच्चे को फार्मूला मिल्क देने से पहले आपको कुछ बातों पर खास ध्यान देना होता है।
#1
ऐसा होना चाहिए फार्मूला मिल्क
छोटे बच्चों को आमतौर पर तीन तरह के फार्मूला मिल्क दिए जा सकते हैं।
पहला है पाउडर फॉर्मूला मिल्क, जिसे पानी में मिलाकर दिया जाता है। दूसरा है कांसंट्रेट, जो लिक्विड फॉर्म में होता हैं, लेकिन इन्हें डायलूटेड किया जाना चाहिए। तीसरा, रेडी टू यूज लिक्विड फॉर्मूला मिल्क होता है, जिसे सीधे बच्चों की दूध की बोतलों में डाला जा सकता है।
हालांकि इन सब में से पाउडर फॉर्मूला मिल्क छोटे बच्चों के लिए ज्यादा बेहतर माना जाता है।
#2
बच्चे को फार्मूला मिल्क देने का तरीका
अगर डॉक्टर ने नवजात शिशु के लिए फार्मूला मिल्क की सलाह दी है तो कोशिश करें कि वह दूध हल्का गर्म हो या फिर रूम टेंपरेचर पर हो।
बच्चे को फार्मूला मिल्क देने से पहले बोतल को गर्म करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे बच्चे की जीभ जलने की संभावना हो सकती है।
हालांकि बच्चा अगर गर्म फार्मूला मिल्क पसंद करता है तो बोतल को एक कटोरी गर्म पानी में डालें, क्योंकि इससे दूध आसानी से गर्म हो जाएगा।
#3
इस बात का रखें विशेष ध्यान
अगर आप बच्चे को फार्मूला मिल्क दे रहे हैं तो हमेशा उत्पाद के साथ मिलने वाले स्कूप का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे हर बार बच्चे के लिए बनाए जाने वाले दूध का सही अनुपात पता लगाने में मदद मिलती है।
इसके अलावा, बच्चे के लिए फार्मूला मिल्क बनाते समय आप हमेशा पहले पानी और फिर उसमें पाउडर को मिलाएं।
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इससे बच्चे को देने वाला फॉर्मूला मिल्क सही तरह से बनता है।
#4
यह बात बच्चे और मां के लिए है बेहद जरूरी
जब भी मां अपने छोटे बच्चे को फॉर्मूला मिल्क दे रही हों तो सिर्फ दूध को खत्म करने के लिए बोतल की निप्पल को बच्चे के मुंह में न डालें।
इस दौरान मां का बच्चे के साथ शारीरिक संपर्क बेहद जरूरी है, क्योंकि यह मस्तिष्क के विकास में सहायक है।
इसलिए हमेशा अपने बच्चे को फीड कराते समय उसे गोद में लें। साथ ही फीडिंग सेशन में अच्छी-अच्छी बातें और सॉफ्ट गानों को भी शामिल करें।