RBI और सरकार दक्षिण एशियाई देशों से रुपये में सीमा-पार व्यापार करने पर कर रहे चर्चा
क्या है खबर?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक दक्षिण एशियाई देशों के साथ भारतीय रुपये में व्यापार को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि भारत समेत दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों के लिए महंगाई पर लगाम लगाना प्राथमिकता है। अगर महंगाई दर ऊंची रहती है तो विकास और निवेश को जोखिम बढ़ जाएगा।
बयान
उत्पादकता बढ़ाने के लिए बड़े बदलाव की जरूरत- दास
RBI गवर्नर ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों को उत्पादकता बढ़ाने के लिए बड़े बदलाव करने की जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि तेल आयात पर क्षेत्र की उच्च निर्भरता को देखते हुए दक्षिण एशियाई देशों को ऊर्जा सुरक्षा पर अपना सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। महंगाई दर पर नियंत्रण, बाहरी कमजोरियों का मुकाबला करने, उत्पादकता बढ़ाने, ऊर्जा सुरक्षा के लिए सहयोग और हरित ऊर्जा सहयोग जैसी नीतियां दक्षिण एशियाई देशों के लिए प्राथमिकता हैं।
जानकारी
दास ने आपसी सहयोग के लिए बताई इन मुद्दों पर काम की जरूरत
दास ने कहा कि केंद्रीय बैंकों के स्तर पर सहयोग की दिशा में एक-दूसरे से सीखना, सीमापार से व्यापार के लिए रुपये के इस्तेमाल और CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी), जहां RBI पहले ही कदम बढ़ा चुका है, जैसे मामले हैं।
बयान
बाहरी झटकों ने बढ़ाया अर्थव्यवस्थाओं पर बोझ- दास
शक्तिकांत दास ने महामारी, महंगाई, वित्तीय बाजार में संकुचन और यूक्रेन युद्ध से उपजे गंभीर संकटों का सामना करने के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सामने नीतियों के स्तर पर छह प्राथमिकताएं गिनवाई।
उन्होंने कहा कि कई बाहरी झटकों ने दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव बढ़ा दिया है। इससे निपटने के लिए भरोसेमंद मौद्रिक नीति, महंगाई पर नियंत्रण और राजकोषीय व्यापार नीति आदि महत्वपूर्ण हो गए हैं।
डिजिटल करेंसी
शक्तिकांत दास ने CBDC पर भी रखी राय
दास ने कहा कि CBDC अभी ट्रायल के चरण में है और रिजर्व बैंक बेहद सावधानी और सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहा है। बता दें कि RBI ने 1 दिसंबर से इसका पायलट लॉन्च किया था।
इस पायलट लॉन्च में आठ बैंक शामिल हैं और इसके जरिए ई-रुपी की पूरी प्रक्रिया की मजबूती परखी जाएगी।
रुपये की डिजिटल मुद्रा को ई-रुपी नाम दिया गया है। यह डिजिटल टोकन है और पारंपरिक रुपये की तरह एक लीगल टेंडर होगा।
डिजिटल करेंसी
किन-किन कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा ई-रुपी?
ई-रुपी को लगभग हर उस कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिसके लिए नोट और सिक्के इस्तेमाल किए जाते हैं।
यूजर्स ई-रुपी को अपने फोन में एक डिजिटल वॉलेट में स्टोर कर सकेंगे और इसके जरिए किसी भी व्यक्ति या दुकानदार को भुगतान कर सकेंगे। दुकानदारों को QR कोड स्कैन करके भुगतान किया जा सकेगा।
ये सारी सुविधाओं बैंकों के जरिए प्रदान की जाएंगी, हालांकि इसके लिए बैंक अकाउंट होना अनिवार्य नहीं होगा।
फायदा
ई-रुपी से क्या फायदा होगा?
ई-रुपी आने से व्यापार में पैसों का लेनदेन आसान होगा, मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंड में बिना इंटरनेट के लेनदेन हो सकेगा, नकली नोट की समस्या से छुटकारा मिलेगा और नोटों की छपाई का खर्च बचेगा।
ई-रुपी की मदद से सरकार लेनदेन पर बेहतर नजर रख सकेगी और इससे मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
रियम टाइम डाटा उपलब्ध होने के कारण ई-रुपी की मदद से बेहतर नीतियां भी बनाई जा सकेंगी।