अजब पाकिस्तान की गजब सरकारी एयरलाइंस, बिना यात्रियों के भरीं 46 उड़ानें
क्या है खबर?
नकदी की समस्या से जूझ रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की एक ऑडिट रिपोर्ट में उसके आर्थिक संकट का कारण सामने आया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि PIA ने बिना किसी यात्री के 46 उड़ानें भरीं, जिससे उसे भारी नुकसान हुआ।
इन खाली उड़ानों से PIA को कुल 11 लाख डॉलर यानि 18 करोड़ पाकिस्तानी रुपयों का नुकसान हुआ।
अधिकारियों के सूचना दिए जाने के बावजूद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
खुलासा
36 हज उड़ानें भी बिना यात्रियों के गईं
पाकिस्तान के चैनल जियो टीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में ये खुलासा किया है।
चैनल ने उसे प्राप्त एक ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि PIA ने बिना किसी यात्री के इस्लामाबाद से 46 उड़ानें भरीं जिससे उसे भारी नुकसान हुआ।
ये उड़ानें 2016 से 2017 के बीच भरी गईं।
ऑडिट रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा ये है कि इन उड़ानों के अलावा PIA ने बिना किसी यात्री के 36 हज उड़ानें भी भरीं।
लापरवाही
प्रशासन को पता था, लेकिन कुछ नहीं किया
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी उड़ानों से PIA को 18 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (करीब 11 लाख डॉलर) का नुकसान हुआ।
एयरलाइंस में चल रहे इस घपले के बारे में प्रशासन और अधिकारियों को भी सूचित किया गया था, लेकिन इसके बावजूद मामले में कोई जांच नहीं की गई।
बता दें कि PIA पाकिस्तान की सरकारी विमान सेवा है और ये इस समय बड़े आर्थिक संकट से जूझ रही है।
पाकिस्तान आर्थिक संकट
पाकिस्तान खुद गहरे आर्थिक संकट में
वैसे सरकारी विमान सेवा PIA की तरह पाकिस्तान की भी हालत कुछ ठीक नहीं है और गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा पाकिस्तान कंगाल होने की कगार पर खड़ा है।
पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बहुत अधिक बढ़ गया है। कर्ज बढ़ने का मुख्य कारण उसकी कमाई और खर्चों में भारी अंतर है।
पाकिस्तान का टैक्स सिस्टम बेहद खराब है और बड़े स्तर पर टैक्स की चोरी होती है।
पाकिस्तान के मात्र एक प्रतिशत लोग टैक्स देते हैं।
जानकारी
टैक्स बढ़ाने में नाकाम रहीं सरकारें
पाकिस्तान की पिछली सरकारें इस टैक्स सिस्टम में बदलाव करके देश की कमाई बढ़ाने में नाकाम रही हैं क्योंकि टैक्स चोरी करने वाले कई बड़े लोग खुद उनकी पार्टी में होते हैं। चारों तरफ फैले भ्रष्टाचार ने भी इसमें व्यवधान पैदा किया है।
खर्च
सेना पर भारी-भरकम खर्च पड़ रहा पाकिस्तान को भारी
एक तरफ पाकिस्तान अपनी कमाई नहीं बढ़ा पाया, दूसरी तरफ उसके खर्च भी कम नहीं हुए।
हर साल पाकिस्तान के बजट का 18-23 प्रतिशत हिस्सा सेना के पास जाता है, जोकि किसी अन्य क्षेत्र से ज्यादा है।
पड़ोसी देशों से "खतरे" के आधार पर सेना को दी जाने वाली इस भारी-भरकम रकम को सही ठहराया जाता है।
लेकिन भारत और अफगानिस्तान में आतंकी भेजकर पाकिस्तानी सेना खुद हमेशा संघर्ष की परिस्थितियां बनाए रखती है और खजाने को लूटती रहती है।
आंकड़े
आंकड़े बयान करते हैं पूरी तस्वीर
पाकिस्तान के आर्थिक संकट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी देश के एक-तिहाई लोग गरीबी की रेखा से नीचे रहते हैं।
देश की विकास दर मात्र 3.3 प्रतिशत है और अगले साल इसके गिरकर 2.4 प्रतिशत पर आने की आशंका है, जोकि पिछले 10 साल में सबसे कम होगी।
पाकिस्तानी रुपया केवल इसी आर्थिक वर्ष में डॉलर के मुकाबले 20 प्रतिशत कमजोर हुआ है।
वहीं महंगाई दर भी 13 प्रतिशत के आसपास है।