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    बीते वर्ष और कम हुआ 2,000 के नोटों का चलन, 500 के नोट की मांग ज्यादा

    बीते वर्ष और कम हुआ 2,000 के नोटों का चलन, 500 के नोट की मांग ज्यादा
    लेखन प्रमोद कुमार
    May 28, 2022, 10:05 am 1 मिनट में पढ़ें
    बीते वर्ष और कम हुआ 2,000 के नोटों का चलन, 500 के नोट की मांग ज्यादा
    बीते वर्ष और कम हुआ 2,000 के नोटों का चलन

    अगर इन दिनों आपको अपनी जेब या बाजार में 2,000 रुपये का नोट नजर नहीं आ रहा है तो आप अकेले नहीं हैं। दरअसल, नोटबंदी के बाद लाए गए 2,000 रुपये के नोट का बाजार में चलन कम हो रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च, 2022 में समाप्त हुए वित्तीय वर्षीय के दौरान 2,000 रुपये के नोट का इस्तेमाल 12.6 प्रतिशत कम हुआ और 21,420 लाख ही नोट चलन में रहे।

    दो सालों में लगभग 22 प्रतिशत कम हुआ चलन

    पिछले दो सालों में बाजार में 2,000 रुपये के नोट का चलन 21.81 प्रतिशत कम हुआ है। मार्च, 2021 तक जहां 24,510 लाख नोट चलन में थे वहीं मार्च, 2020 तक यह संख्या 27,398 लाख थी। RBI के अनुसार, मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोटों की कीमत 4.90 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस साल मार्च तक कम होकर 4.28 लाख करोड़ रुपये हो गई है। मार्च, 2020 तक यह कीमत 5.47 लाख करोड़ रुपये थी।

    चार साल से नहीं हुई नए नोटों की आपूर्ति

    गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने पिछले चार सालों से 2,000 रुपये के नए नोटों की आपूर्ति नहीं की है। फिलहाल अर्थव्यवस्था में 2,000 रुपये के नोटों की कुल कीमत 13.8 प्रतिशत है, जो एक साल पहले 17.3 प्रतिशत थी।

    500 रुपये के नोटों का चलन बढ़ा

    एक तरफ 2,000 रुपये के नोटों का चलन कम हो रहा है, वहीं 500 रुपये के नोट का चलन बढ़ रहा है। RBI ने बीते वित्त वर्ष में 1.28 लाख नए नोट भी बाजार में जारी किए हैं। कुल कीमत की बात करें तो बाजार में मौजूद मुद्रा में से सबसे ज्यादा (34.9 प्रतिशत) 500 रुपये के नोट हैं। इसके बाद 10 रुपये के नोट का नंबर आता है तो चलन में मुद्रा का कुल 21.3 प्रतिशत हैं।

    चलन में आए हैं ज्यादा नोट

    वित्त वर्ष 2021-22 में चलन में नोटों की कीमत और संख्या में 2020-21 की तुलना में क्रमश: 9.9 प्रतिशत और 5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 31 मार्च, 2022 तक कीमत के मामले में 500 और 2,000 रुपये के नोट कुल कीमत के 87.1 प्रतिशत थे, जबकि मार्च, 2021 तक इनकी हिस्सेदारी 85.7 प्रतिशत थी। हालांकि, इस दौरान 100 और 50 रुपये को छोड़कर बाकी नकली नोटों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला है।

    कितने बढ़े नकली नोट?

    केंद्रीय बैंक के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में 10 रुपये के नकली नोटों में 16.4 प्रतिशत, 20 रुपये के नकली नोटों में 16.5 प्रतिशत, 200 रुपये के नोटों में 11.7 प्रतिशत, 500 रुपये के नोटों में 101.9 प्रतिशत और 2,000 रुपये के नकली नोटों में 54.6 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। 2021-22 के दौरान पकड़े गए नकली नोटों में से 6.9 प्रतिशत RBI ने 93.1 प्रतिशत अन्य बैंकों ने पकड़े हैं।

    न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

    RBI के सर्वे के अनुसार, लोग 100 रुपये के नोट को सबसे ज्यादा और 2,000 रुपये के नोट को सबसे कम प्राथमिकता देते हैं। वहीं सिक्कों में 5 रुपये के सिक्के सबसे ज्यादा और एक रुपये के सिक्के को सबसे कम प्राथमिकता मिलती है।

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