
BRICS पर क्यों चिढ़ रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप, डॉलर का विकल्प या बढ़ता प्रभाव है वजह?
क्या है खबर?
हाल ही में ब्राजील में BRICS देशों का शिखर सम्मेलन हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल हुए थे। इस सम्मेलन के बाद से ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप BRICS देशों को धमकियां दे रहे हैं। उन्होंने BRICS देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस समूह में भारत, रूस, चीन समेत दिग्गज अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। आइए जानते हैं ट्रंप ऐसा क्यों कर रहे हैं।
बयान
BRICS देशों के बारे में ट्रंप ने क्या कहा?
8 जुलाई को कैबिनेट बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा, "अगर वे BRICS में हैं तो उन्हें निश्चित रूप से 10 प्रतिशत टैरिफ देना होगा, क्योंकि BRICS की स्थापना हमें नुकसान पहुंचाने और डॉलर को कमजोर करने के लिए की गई थी।" इसके अलावा ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'जो भी देश खुद को BRICS की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ जोड़ता है, उस पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। इस नीति में कोई छूट नहीं दी जाएगी।'
BRICS
शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका को लेकर क्या कहा गया?
शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र में अमेरिका का नाम नहीं है, लेकिन टैरिफ से जुड़ी चिंताओं का जिक्र है। घोषणापत्र में कहा गया है, "BRICS एकतरफा टैरिफ और नॉन-टैरिफ उपायों के बढ़ते इस्तेमाल पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। ये उपाय व्यापार के तरीके को बिगाड़ रहे हैं और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मानदंडों का उल्लंघन करते हैं।" इसके अलावा घोषणापत्र में 'वैश्विक शासन में सुधार' से लेकर 'अंतरराष्ट्रीय स्थिरता' पर बात की गई है।
डॉलर
अमेरिकी डॉलर के लिए चुनौती बन सकता है BRICS?
BRICS देश अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं। 2022 में रूस ने एक नई अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने का प्रस्ताव रखा था। अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार मंजरी सिंह ने BBC से कहा, "कोई भी ऐसा संगठन जिसमें अमेरिका नहीं है, उसे ट्रंप हमेशा से अमेरिका विरोधी मानते आए हैं। BRICS में हमेशा से डॉलर के समानांतर बैंकिंग प्रणाली की बात की जाती रही है। इस वजह से भी ट्रंप को BRICS अमेरिका विरोधी नजर आता है।"
विशेषज्ञ
BRICS देशों की संभावित मुद्रा पर क्या कहते हैं जानकार?
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने BBC से कहा, "BRICS के ताकतवर न होते हुए भी ट्रंप धमकी दे रहे हैं। इसकी वजह मुद्रा है। दुनियाभर में डॉलर को मीडियम ऑफ एक्सचेंज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन देखा गया है कि अमेरिका उसका हथियार के रूप में इस्तेमाल करने लगा है। चीन या रूस अपनी मुद्रा में व्यापार कर रहे हैं तो इसकी वजह अमेरिका है, जिसने डॉलर को बतौर हथियार इस्तेमाल किया।"
ईरान
क्या ईरान है वजह?
हाल ही में अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। ट्रंप को उम्मीद थी कि BRICS देश इस संघर्ष पर बयान जारी कर अमेरिका के प्रति समर्थन प्रदर्शित करेंगे। हालांकि, BRICS ने ईरान पर अमेरिका और इजरायल के हमलों की कड़ी निंदा की। घोषणापत्र में BRICS देशों ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और पश्चिम एशिया में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
प्रभाव
BRICS का बढ़ता प्रभाव है वजह?
BRICS की स्थापना 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने की थी, लेकिन आज इसके सदस्यों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। तुर्की, अजरबैजान और वेनेजुएला इसकी सदस्यता चाहते हैं। यह समूह विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 35 प्रतिशत का योगदान देता है और वैश्विक जनसंख्या में 45 प्रतिशत का योगदान देता है। BRICS को वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में देखा जाता है। कई लोग इसे G-7 के विकल्प के रूप में भी देखते हैं।