
UAE ने 23 लाख रुपये में गोल्डन वीजा देने की खबरों का खंडन किया, क्या कहा?
क्या है खबर?
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सिर्फ भारत या कुछ चुनिंदा देशों को 23 लाख रुपये में आजीवन गोल्डन वीजा जारी करने की खबरों का खंडन किया है। UAE के पहचान, नागरिकता, सीमा शुल्क और बंदरगाह सुरक्षा प्राधिकरण (ICP) ने बुधवार को मीडिया में चल रही उन खबरों का खंडन किया, जिसमें UAE द्वारा चुनिंदा देशों के लोगों को गोल्डन वीजा देने की बात है। ICP ने कहा कि वीजा कार्यक्रम नियमों, कानूनों और मंत्रिस्तरीय निर्णयों के तहत संचालित होता है।
वीजा
वैध आवेदनों पर सरकारी चैनलों के जरिए सुनवाई होगी
ICP ने इस बात पर जोर दिया कि सभी वैध गोल्डन वीजा आवेदनों को आधिकारिक सरकारी चैनलों के जरिए विशेष रूप से प्रबंधित किया जाता है। उसने कहा कि इसमें किसी आंतरिक या बाहरी परामर्श एजेंसी को आवेदन प्रक्रिया संभालने या उनकी प्रतिनिधित्व करने की अनुमति नहीं है। ICP ने कहा कि जो लोग गोल्डन वीजा के लिए नियमों को जानना चाहते हैं, वे उन्हें ICP वेबसाइट या स्मार्ट एप्लिकेशन से जानकारी ले सकते हैं।
सख्ती
अफवाह फैलाने पर होगी कार्रवाई
ICP ने कहा कि वह उन संस्थाओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगी, जिन्होंने UAE में गोल्डन वीजा को लेकर अफवाह फैलाई है। प्राधिकरण ने UAE में घूमने, रहने और निवेश करने के इच्छुक व्यक्तियों से आग्रह किया कि वे तुरंत लाभ के उद्देश्य से गलत अफवाह और झूठी खबर पर ध्यान न दें। प्राधिकरण ने ICP की आधिकारिक वेबसाइट या 6005-22222 पर संपर्क करके जानकारी लेने को कहा है। ICP ने कहा कि डिजिटल मुद्रा निवेशकों को वीजा नहीं मिलेगा।
विवाद
क्या है गोल्डन वीजा का मामला?
पिछले दिनों विभिन्न मीडिया संस्थानों ने खबर चलाई कि UAE भारत समेत कुछ चुनिंदा देशों को 23 लाख रुपये में आजीवन गोल्डन वीजा देने की पेशकश कर रहा है। खलीज टाइम्स का कहना है कि खबर के लिए कई भारतीय और कुछ UAE-आधारित मीडिया संस्थाओं ने प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित की, जिसके बारे में ICP ने कहा कि यह UAE में सक्षम अधिकारियों का उल्लेख किए बिना प्रकाशित की गई थी। इसी खबर से वीजा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी।
वीजा
क्या है गोल्डन वीजा?
UAE सरकार ने बड़े व्यवसायी और उद्योगतियों को आकर्षित करने के लिए साल 2019 में गोल्डन वीजा कार्यक्रम शुरू किया था। इसके तहत निवेशकों को वहां लंबे समय तक रहने की अनुमति मिलती है। 2022 में सरकार ने न्यूनतम संपत्ति सीमा को घटाकर 20 लाख अरब अमीरात दिरहम (AED) यानी लगभग 4.66 करोड़ रुपये कर दिया था। यानी निवेशकों को वहां के किसी बिजनेस या संपत्ति में यह निवेश करना होता था, लेकिन अब इसे और आसान बनाया गया है।