लद्दाख में तनाव के बीच 17 नवंबर को पहली बार आमने-सामने होंगे प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग
क्या है खबर?
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध की शुरूआत के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 17 नवंबर को BRICS सम्मेलन की बैठक में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे।
सम्मेलन के मेजबाव रूस ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा कि ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार एंटन कोब्याकोव ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद सम्मेलन की तैयारियां पटरी पर हैं।
BRICS समूह
क्या है BRICS समूह?
BRICS पांच देशों, ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका, का संगठन है, जिसका मकसद इन देशों में आर्थिक और अन्य तरह का सहयोग बढ़ाना है। इसका गठन 2006 में किया गया था और इसका मुख्यालय शंघाई में है।
दुनिया की लगभग आधी आबादी (3.6 अरब) इन देशों में रहती है और इसकी संयुक्त GDP 16.6 ट्रिलियन डॉलर है।
भारत, रूस और चीन जैसे देशों की मौजूदगी के कारण ये दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संगठनों में से एक है।
वार्षिक सम्मेलन
इस साल रूस कर रहा है वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी
BRICS देशों का हर साल एक वार्षिक सम्मेलन होता है और हर साल अलग-अलग देश इसकी मेजबानी करते हैं। इस साल रूस इसकी मेजबानी कर रहा है और कोरोना वायरस महामारी के कारण ये सम्मेलन वर्चुअल होगा।
सम्मेलन की थीम 'वैश्विक स्थिरता, साझा रक्षा और अभिनव विकास के लिए BRICS साझेदारी' रखी गई है।
सम्मेलन की तैयारियों से जुड़े एक राजनयिक ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग दोनों इसमें हिस्सा लेंगे।
तनाव
LAC पर चार जगहों पर आमने-सामने हैं दोनों देशों के सैनिक
बता दें कि भारत और चीन के बीच अप्रैल से LAC पर तनाव बना हुआ है और अभी चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। इनमें देपसांग, गोगरा, पैंगोंग झील का फिंगर्स एरिया और चुशूल सब-सेक्टर शामिल हैं। पहली तीन जगहों पर तो चीनी सैनिक भारत की जमीन पर बैठे हुए हैं।
फिंगर्स एरिया और चुशूल में स्थिति सबसे अधिक नाजुक है और यहां कहीं-कहीं दोनों देशों के सैनिकों के बीच मात्र 300-500 मीटर का फासला है।
नापाक मंसूबे
अक्साई चिन में भी चीन ने जमा किए 50,000 सैनिक
इसके अलावा चीन ने अक्साई चिन में भी अपने तकरीबन 50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं और इसके कारण उसके मंसूबों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
भारत को आशंका है कि चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम पास पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है और इसी खतरे को देखते हुए उसने काराकोरम के पास दौलत बेग ओल्डी (DBO) में टी-90 मिसाइल टैंक तैनात किए हैं। LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की गई है।
बातचीत
तनाव कम करने के लिए बातचीत जारी, लेकिन जल्द निपटारे की उम्मीद कम
दोनों पक्षों में तनाव कम करने के लिए बातचीत भी जारी है और 10 सितंबर को हुई दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में तनाव कम करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमति बनी थी।
इसके अलावा 21 सितंबर को हुई सैन्य बैठक में दोनों देश LAC पर और सैनिक भेजना बंद करने पर सहमत हुए।
हालांकि विवाद का निपटारा जल्द होने की उम्मीदें बेहद कम हैं और दोनों देश लंबे गतिरोध की तैयारी कर चुके हैं।