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ईरान के शीर्ष मौलवी ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया फतवा, बताया 'अल्लाह का दुश्मन'
ईरान के शिया धर्मगुरु ग्रैंड अयातुल्ला नासेर मकरेम शिराजी ने डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया फतवा

ईरान के शीर्ष मौलवी ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया फतवा, बताया 'अल्लाह का दुश्मन'

Jun 30, 2025
09:12 am

क्या है खबर?

ईरान के प्रमुख शिया धर्मगुरु ग्रैंड अयातुल्ला नासेर मकरेम शिराजी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ 'मोहारेब' फतवा जारी किया है। इसमें उन्हें 'अल्लाह का दुश्मन' करार देते हुए दुनिया भर के मुसलमानों से एकजुट होकर उनके खिलाफ संयुक्त कार्रवाई का आग्रह किया है। यह फतवा ईरान की इस्लामी हुकूमत और अमेरिका के बीच 12 दिनों तक चली लड़ाई के बाद आया है। आइए जानते हैं फतवे में क्या लिखा है।

फतवा

मौलवी ने फतवे में क्या कहा?

ईरान की मेहर समाचार एजेंसी के मुताबिक, मौलवी शिराजी ने फतवे में कहा, "जो भी शख्स या हुकूमत हमारे रहनुमा या मारजा (धर्मगुरु) को धमकी दे, उसे 'मोहारेब' (खुदा के खिलाफ जंग करने वाला) समझा जाता है। मुसलमानों के लिए इस तरह के लोगों का समर्थन या सहयोग करना पूरी तरह से वर्जित है।" बता दें कि ईरानी कानून के तहत 'मोहारेब' को मौत की सजा, सूली, अंग-भंग या देशनिकाला जैसी सजा दी जा सकती है।

आवश्यकता

ट्रंप और नेतन्याहू को सबक सिखाने की आवश्यकता पर जोर

मौलवी शिराजी ने फतवे में वैश्विक मुसलमानों से ट्रंप और नेतन्याहू को अपने शब्दों और गलतियों के लिए सबक सिखाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि अगर, इसमें मुस्लिमों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा तो उन्हें 'मुजाहिद फी सबीलिल्लाह' (ईश्वर के मार्ग में योद्धा) के रूप में पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा, "ईश्वर इस्लामी समुदाय को दुश्मनों की बुराई से बचाए और युग और समय के स्वामी के पुनः प्रकट होने में तेजी लाए।"

पृष्ठभूमि

अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर किया था हमला 

यह फतवा ईरान, अमेरिका और इजरायल के बीच दुश्मनी बढ़ने के बाद जारी किया गया है। 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों पर हवाई हमले करने के बाद तनाव बढ़ गया था। ईरान ने इजरायली शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइल हमलों से जवाब दिया। इसके बाद अमेरिका ने भी ईरान की की परमाणु सुविधाओं पर हमला किया था और आगे भी ऐसे हमले करने की धमकी दी थी। हालांकि, बाद में युद्ध विराम हो गया।