BRICS सम्मेलन: तालिबान पर सीधी टिप्पणी नहीं, आतंकवाद से लड़ाई पर एकमत हुए सदस्य देश
गुरुवार शाम को हुए BRICS देशों के सम्मेलन में अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा हुई और सभी नेताओं ने वहां बातचीत के जरिये शांति स्थापना की बात कही। साथ ही समूह ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल दूसरे देशों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। सम्मेलन की समाप्ति के बाद जारी बयान में कहा गया है कि समूह ने हिंसा से दूर रहने और अफगानिस्तान में स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है।
BRICS में कौन से देश शामिल?
BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। यह समूह दुनिया की 41 प्रतिशत आबादी, 24 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद और 16 प्रतिशत वैश्विक व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। गुरुवार को हुई बैठक की मेजबानी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और इसमें ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने हिस्सा लिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कही ये बातें
महामारी के कारण वर्चुअल तरीके से आयोजित हुए इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहली बार है, जब BRICS ने बहुपक्षीय तंत्र की मजबूती और सुधार पर स्टैंड लिया है और इसने आतकंरोधी एक्शन प्लान को अपनाया है। उन्होंने कहा, "आज हम दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावी आवाज हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह मंच उपयोगी साबित हुआ है।"
तालिबान पर नहीं की गई सीधी टिप्पणी
सम्मेलन के बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि समूह ने तालिबान पर सीधी टिप्पणी नहीं की है, लेकिन मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त की गई। समूह ने माना कि हिंसा से कोई समाधान नहीं हो सकता और केवल बातचीत के जरिये अफगानिस्तान में शांति स्थापित की जा सकती है। बता दें कि साल 2016 के बाद यह दूसरी बार था, जब भारत ने इस सम्मेलन की मेजबानी की है।
पुतिन ने अमेरिका पर साधा निशाना
BRICS सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी सेना निकालने में इतनी जल्दबाजी नहीं दिखाता तो हालात इस कदर चिंताजनक नहीं होते। पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि अफगानिस्तान को दूसरे देशों के लिए खतरा, आतंकवाद और ड्रग तस्करी का स्त्रोत नहीं बनने दिया जा सकता है और उन्होंने माना कि सुरक्षा के लिहाज से पूरी दुनिया के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
ये रहीं सम्मेलन की बड़ी बातें
BRICS देशों ने आतंकवाद से लड़ने की प्राथमिकता को रेखांकित किया, जिसमें आंतकी समूहों द्वारा अफगानिस्तान की जमीन को उनके ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करने के प्रयासों को रोकना शामिल है। समूह ने मानवीय स्थिति पर ध्यान देने और अल्पसंख्यकों समेत सभी के मानवाधिकारों के सरंक्षण की जरूरत पर जोर दिया। BRICS देशों ने पिछले महीने काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए बम धमाकों की निंदा की, जिसमें करीब 200 लोग मारे गए थे।