#NewsBytesExplainer: इजरायल को युद्ध की चुनौती देने वाले हमास को कौन-से मास्टरमाइंड्स चलाते हैं?
7 अक्टूबर से इजरायल-हमास युद्ध जारी है। हमास ने अचानक इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर कहर बरपा रखा है। हमास फिलिस्तीन का एक चरमपंथी संगठन है, जिसका गाजा क्षेत्र में नियंत्रण है। इजरायल पर हमले की योजना बनाने में हमास के प्रमुख नेताओं और उसकी आतंकी ब्रिगेड के कई कमांडरों का हाथ है। आइए हमास के इन्हीं मास्टरमाइंड्स के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मोहम्मद दीफ
मोहम्मद दीफ, हमास के सैन्य संगठन इजे-अल-दीन अल-कासम ब्रिगेड का प्रमुख है। उसका जन्म 1965 में गाजा में हुआ और उसने इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ गाजा से स्नातक की डिग्री ली है। दीफ को इजरायली बलों ने साल 2000 में गिरफ्तार किया था, लेकिन वो भाग निकला। 2014 में इजरायली सेना ने दीफ की हत्या की कई नाकाम कोशिशें की थी। दीफ ने उन सुरंगों को भी बनाने की योजना बनाई, जिससे हमास के आतंकी गाजा से इजरायल में दाखिल हुए।
मारवान इस्सा
मारवान इस्सा, हमास की सैन्य ब्रिगेड का डिप्टी कमांडर है, जिसे मोहम्मद दीफ का दाहिना हाथ माना जाता है। इस्सा बास्केटबॉल खिलाड़ी रह चुका है, लेकिन इजरायल द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद उसका करियर खराब गया। 2014 में इजराली सेना ने उसे गाजा में मारने की कोशिश की, लेकिन वो किसी तरह बच निकला। इस्सा ने हमास के इजरायल के खिलाफ कई अभियानों में अहम भूमिका निभाई है, जिसके बाद से वह लगातार इजरायली सेना के निशाने पर है।
याह्या सिनवार
याह्या सिनवार हमास का प्रमुख नेता है। उसे अमेरिका ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय आतंकियों की सूची में डाला है। 1962 में जन्मा सिनवार हमास की सुरक्षा सर्विस 'मज्द' का संस्थापक है। सिनवार को इजरायली सेना ने 3 बार गिरफ्तार किया है, लेकिन 2011 में उसे रिहाई मिल गई। आगे चलकर 13 फरवरी, 2017 को उसे गाजा पट्टी में हमास के पोलित ब्यूरो का प्रमुख चुना गया। सिनवार ने पोलित ब्यूरो में इस्माइल हानिया की जगह ली थी।
अब्दुल्ला बरगूती
अब्दुल्ला बरगूती भी हमास की सैन्य ब्रिगेड में अहम पद पर है। बरगूती का जन्म 1972 में कुवैत में हुआ था। उसने दक्षिण कोरिया से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के दाखिला लिया और विस्फोटक बनाना सीखा था। इसके बाद बरगूती फिलिस्तीन में आकर हमास से जुड़ गया। 2003 में उसे इजरायली सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। बरगूती ने जेल में रहने के दौरान 'प्रिंस ऑफ शैडो' नाम की किताब लिखी है, जिसके कारण उसे प्रिंस ऑफ शैडो भी कहा जाता है।
इस्माइल हानिया
इस्माइल हानिया, हमास के पोलित ब्यूरो का प्रमुख है। वह 2006 से फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। उसे 1989 में 3 साल के लिए कैद कर लिया था। हानिया को हमास के कई नेताओं के साथ गाजा से निर्वासित किया गया था। वह निर्वासन पूरा होने के बाद गाजा लौट आया और 1997 में हमास आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। अमेरिका ने 2018 में हानिया को आतंकवादी घोषित किया था।
खालिद मशाल
खालिद मशाल भी हमास आंदोलन के संस्थापकों में से एक और हमास के पोलित ब्यूरो का सदस्य है। 1956 में वेस्ट बैंक में जन्मा मशाल का परिवार कुवैत में बस गया था और उसने वहां रहकर ही पढ़ाई की। इसके बाद मशाल जॉर्डन में आकर बस गया 1996 में हमास के पोलित ब्यूरो का अध्यक्ष बनाया गया। 1997 में इजरायल के खुफिया एजेंसी मोसाद ने जॉर्डन में मशाल हत्या की कोशिश की गई थी, लेकिन वह बचने में कामयाब रहा।
महमूद जहार
महमूद जहार भी हमास के प्रमुख नेताओं में से एक है। उसे हमास आंदोलन के दौरान इजरायल ने गिरफ्तार कर लिया है। 1945 में गाजा में जन्मे जहार का बचपन मिस्र में बीता क्योंकि उसकी मां मिस्र से थी। जहार ने काहिरा विश्वविद्यालय से 1971 में जनरल मेडिसिन में स्नातक और 1976 में जनरल सर्जरी में परास्नातक किया। उसने एक चिकित्सक के रूप में गाजा में काम किया। 2006 में जहार फिलिस्तीन सरकार में विदेश मंत्री रह चुका है।
न्यूजबाइट्स प्लस (हिंदी)
हमास एक फिलिस्तीनी आतंकी संगठन और एक राजनीतिक पार्टी है। ये शब्द अरबी के 'हरकत अल मुकावामा अल इस्लामिया' से मिलकर बना है, जिसका मतलब इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन होता है। इसकी स्थापना 1987 में इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन के पहले विद्रोह के दौरान मौलवी शेख अहमद यासीन ने की थी। ये न सिर्फ एक आतंकी संगठन है, बल्कि राजनीति में भी सक्रिय है। इसे अमेरिका, इजरायल और ब्रिटेन समेत कई देशों ने आतंकवादी संगठन करार दिया है।