#NewsBytesExplainer: इजरायल और हमास जंग के बीच अमेरिका-ईरान के बीच हुआ समझौता सुर्खियों में क्यों?
इजरायल और हमास की बीच जारी युद्ध में 1,100 से भी ज्यादा मौतें हो गई। इसी बीच अमेरिका और ईरान के मध्य कैदियों की अदला-बदली को लेकर 6 अरब डॉलर का समझौता भी सुर्खियों में है। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी ईरान के साथ हुए इस समझौते को लेकर अपनी सफाई दी है। आइए जानते हैं कि ईरान-अमेरिका के बीच 6 अरब डॉलर के समझौते का ये पूरा मामला क्या है।
क्या है कैदियों की अदला-बदली का मामला?
अगस्त, 2023 में अमेरिका ने ईरान के साथ हुए इस समझौते का विवरण सार्वजनिक किया गया था, जिसे राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंजूरी दी थी। इस समझौते के तहत ईरान को अपनी कैद से 5 अमेरिकी नागरिकों को छोड़ना था। इसके बदले ईरान को दक्षिणी कोरिया के बैंकों में फ्रीज 6 अरब डॉलर के फंड को हस्तांतरित करने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा समझौते के तहत अमेरिका को भी 5 ईरानी कैदियों को रिहा करना था।
क्यों दक्षिण कोरिया के बैंकों फ्रीज हैं 6 अरब डॉलर?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2019 में ईरान के तेल निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। उस वक्त दक्षिण कोरिया के बैंकों से तेल निर्यात के बदले ईरान को दी जाने वाले 6 अरब डॉलर की राशि को अमेरिका ने फ्रीज कर दिया था। हाल के समझौते के बाद अमेरिका ने दक्षिण कोरियाई बैंक में जमा राशि पर लगी रोक हटाते हुए इसे कतर के केंद्रीय बैंक में हस्तांतरित करने की अनुमति दे दी थी।
क्यों अभी सुर्खियों में आया अमेरिका-ईरान समझौता?
अमेरिका में 2024 में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने ईरान के साथ हुए समझौते को लेकर राष्ट्रपति बाइडन को घेरने की कोशिश की है। हाल में इजरायल और हमास के संघर्ष को लेकर रिपब्लिकन पार्टी के कई राष्ट्रपति उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि अमेरिका के इस पैसे का इस्तेमाल इजराइल पर हमले के लिए किया गया है। ये आरोप तब आए हैं जब रिपोर्ट्स हैं कि इजराइल पर हमले में ईरान का हाथ है।
क्यों हमले के पीछे ईरान का हाथ होने की उठी बात?
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल पर हमास के हमले को ईरान का समर्थन हासिल है और इस हमले के लिए ईरानी सुरक्षा अधिकारियों ने हमास और हिजबुल्लाह के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई थी। भारत में इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने भी इजरायल पर हमास के हमले के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनके पास ईरान द्वारा हमास को हथियारों की आपूर्ति और चरमपंथियों को प्रशिक्षण देने के सबूत हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने मामले में क्या सफाई दी?
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अमेरिका-ईरान के बीच कैदियों की अदला-बदली के समझौते को लेकर 6 अरब डॉलर की धनराशि अभी खर्च नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अब तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि इजराइल पर हुए हमले के लिए हमास को ईरान ने समर्थन दिया है और हमले के पीछे ईरान का हाथ है।
ईरान से साथ हुए समझौते को लेकर ब्लिंकन ने और क्या कहा?
ब्लिंकन ने कहा कि ईरान को समझौते के तहत दिया गया पैसा अमेरिका के नागरिकों का नहीं था, बल्कि ये पैसा ईरान को तेल के बदले मिला था और ये प्रतिबंधों के चलते दक्षिण कोरियाई बैंकों में फ्रीज था। उन्होंने कहा, "ईरान समझौते की शर्तों के अनुसार, इस पैसा का उपयोग विदेशों से खाद्य सामग्री या अन्य जरूरी सामना खरीदने और मानवतावादी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ही कर सकता है और अभी पैसा ईरान को नहीं दिया गया है।"