यूक्रेन-रूस युद्ध: अब तक 150 से अधिक सैनिकों और लोगों की मौत, जानिए क्या-क्या हुआ
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा तनाव गुरुवार सुबह युद्ध में तब्दील हो गया है। हालांकि, रूस ने इसे सैन्य अभियान का नाम दिया है। रूस की सेना ने पहले दिन यूक्रेन की राजधानी कीव सहित कई प्रमुख शहरों में उसके सैन्य ठिकानों पर हमला बोला है। इस बीच यूक्रेन की सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की है। पहले दिन 150 से अधिक सैनिकों और लोगों की मौत होने की सूचना है। आइए जानते हैं पहले दिन क्या-क्या हुआ।
पुतिन ने किया था सैन्य अभियान का ऐलान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरूवार को यूक्रेन में सैन्य अभियान चलाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन का विसैन्यीकरण और नागरिकों की सुरक्षा करना इस अभियान का मकसद होगा। पूर्वी यूक्रेन में सरकारी बलों से लड़ रहे विद्रोहियों के उससे मदद मांगने के बाद रूस ने ये कदम उठाया है। जानकारों का कहना है कि ये सैन्य अभियान कुछ और नहीं बल्कि यूक्रेन पर रूस का हमला है और रूस ने युद्ध छेड़ दिया है।
पुतिन के ऐलान के साथ ही यूक्रेन पर शुरू हुए हमले
राष्ट्रपति पुतिन के ऐलान करने के साथ ही सुबह करीब 5 बजे रूसी सेना के विमान बेलारूस और क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन की सीमा में घुसे गए। इसके बाद रूस ने सबसे पहले यूक्रेन के दोनेत्स्क में क्रामातोर्स्क इलाके में स्थिति उसके पांच सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमला करना शुरू कर दिया। सुबह हुए इन धमाकों की आवाज से यूक्रेन के लोग सहम उठे। इसके बाद यूक्रेन की सरकार ने भी सेना को जवाबी कार्रवाई का आदेश दे दिया।
रूस की सेना ने किन शहरों को बनाया निशाना?
यूक्रेन के उपगृहमंत्री एंटन गेराशचेंको ने बताया कि दोनेत्स्क पर हमला के बाद रूसी सेना ने राजधानी कीव स्थित एयरबेस और एयर डिफेंस सिस्टम पर मिसाइल दागते हुए उसे तबाह कर दिया। वहां की बॉर्डर यूनिट, बॉर्डर पेट्रोल और चौकियों पर भी हमला किया है। उन्होंने बताया कि रूसी सेना ने लुहांस्क, सुमी, खार्किव, चेरनिहीव, चीसीनाऊ और ओडेसा आदि में भी सैन्य मुख्यालयों, हवाई अड्डों और सैन्य गोदामों को निशाना बनाया है। यूक्रेन की सेना भी मुकाबला कर रही है।
रूसी सेना ने 11 हवाई पट्टियों सहित 74 सैन्य ठिकाने तबाह किए
यूक्रेन की पुलिस ने कहा कि रूस की ओर से पहले दिन कुल 203 हमले किए गए हैं। इनमें सैन्य ठिकानों के साथ कई अपार्टमेंट और बिल्डिंगे भी ध्वस्त हो गई हैं। इधर, रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि हमलों में यूक्रेन की 74 सैन्य सुविधाएं तबाह हो गईं। इनमें 11 हवाई पटि्टयां और 63 से अधिक सैन्य ठिकाने शामिल हैं। इसी तरह यूक्रेन का एक सैन्य हेलीकॉप्टर और चार ड्रोन भी मार गिराए गए हैं।
यूक्रेन ने लागू किया सैन्य कानून
हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आपात सैन्य कानून लागू करने की घोषणा की और रूस के साथ सभी तरह के कूटनीतिक संबंध तोड़ने का ऐलान कर दिया। इसी तरह यूक्रेन ने ऐहतियात के तौर पर अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया।
हमलों में हुई 150 से अधिक सैनिक और लोगों की मौत
यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि रूस की सेना के हमलों में उसके 40 से अधिक सैनिक और 18 आम नागरिकों की मौत हो गई। सेंटर फॉर डिफेंस स्ट्रेटजिस्ट के मुताबिक, यूक्रेन की सेना ने रूस के 100 से ज्यादा सैनिक मार गिराए हैं। इसके अलावा रूस के सात विमान और तीन हेलीकॉप्टर भी तबाह कर दिए हैं। वहीं, रूस के सैनिकों ने यूक्रेन के हेनिचेस्क और नोवा कहोव्का पर भी कब्जा कर लिया है।
यूक्रेन का लड़ाकू विमान क्रैश होने से 14 सैनिकों की मौत
रूसी सैनिकों के हमलों के बीच शाम को राजधानी कीव के बाद यूक्रेन की सेना का एक लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर गिर गया। इसमें 14 सैनिकों की मौत हो गई। इसी तरह यूक्रेन सेना ने लुहान्स्क क्षेत्र के ऊपर एक अन्य रूसी विमान को मार गिराया। रूस के हमलों से कई शहरों में बम धमाकों के सायरन बज रहे हैं और लोग बचने के लिए भाग रहे हैं। लोगों में युद्ध की दहशत साफ तौर पर देखी जा सकती है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने लोगों से की यह अपील
रूस के साथ सभी कूटनीतिक संबंध खत्म करने का ऐलान करने के साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने नागरिकों से देश की रक्षा के लिए तैयार रहने और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के फैसले का विरोध करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि युद्ध की घड़ी में देश के अपने लोगों से सहयोग की उम्मीद है। ऐसे में मदद के लिए जिसे भी हथियार चाहिए, सरकार उन्हें हथियार उपलब्ध कराएगी देगी। यह देश की सुरक्षा का मामला है।
यूक्रेन को लेकर क्यों हुआ है विवाद?
यूक्रेन को लेकर युद्ध के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं। दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है। रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।