#NewsBytesExplainer: क्या है कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम, जिसकी क्वाड शिखर सम्मेलन में हुई चर्चा?
अमेरिका में इस समय क्वाड देशों के राष्ट्राध्यक्ष एकत्रित हुए हैं। शिखर सम्मेलन के बाद क्वाड के सदस्य देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राष्ट्राध्यक्षों ने कैंसर मूनशॉट प्रोग्राम में हिस्सा लिया और अपना संबोधन दिया। इस वर्ष क्वाड शिखर सम्मेलन का विषय भी कैंसर मूनशॉट पर ही आधारित था। दुनियाभर से कैंसर को खत्म करने के लिए ये एक बड़ी पहल है। आइए आज इसके बारे में जानते हैं।
क्या है कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम?
कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम कैंसर से लड़ने के लिए बनाया गया है। कैंसर अनुसंधान में तेजी लाने, सहयोग को बढ़ावा देने, रोगियों और उनके परिवारों पर कैंसर के प्रभाव को रोकने, पता लगाने, इलाज करने और टीकाकरण समेत इसके कई उद्देश्य हैं। इसके तहत मरीजों, शोधकर्ताओं और डॉक्टरों को साथ लाया गया है, जिसका अंतिम उद्देश्य कैंसर को खत्म करना है। इसके तहत सबसे पहले सर्वाइकल कैंसर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कब शुरू किया गया था मूनशॉट प्रोग्राम?
जनवरी, 2016 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने अंतिम स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन के दौरान इस पहल को शुरू किया था। वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन उस समय उपराष्ट्रपति थे। इस पहल को बाइडन के बेहद करीब माना जाता है, क्योंकि 2015 में उनके बेटे ब्यू बाइडन का कैंसर से निधन हो गया था। फिलहाल इस पहल का दूसरा चरण चल रहा है, जिसका नेतृत्व बाइडन कर रहे हैं।
क्या है कार्यक्रम के लक्ष्य?
इसके 2 बड़े लक्ष्य हैं। पहला- 2047 तक 40 लाख से अधिक कैंसर से होने वाली मौतों को रोकना और दूसरा- कैंसर से पीड़ित लोगों के अनुभव में सुधार करना। इसके अलावा कैंसर और इसकी रोकथाम, शीघ्र पहचान, उपचार के बारे में समझ बढ़ाना, रोगी की देखभाल में सुधार, शोध, उपचार के विकास को प्रोत्साहित करना, बाधाओं की पहचान और उनका समाधान करना और प्रशासनिक सुधारों में तेजी लाने के तरीकों पर विचार करना जैसे दूसरे उद्देश्य भी हैं।
कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम से भारत को क्या लाभ होगा?
भारत में होने वाली कुल मौतों में कैंसर सहित गैर-संचारी रोगों की हिस्सेदारी लगभग 63 प्रतिशत है। देश में कैंसर मामले 2020 की तुलना में 2025 में लगभग 13 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 14,61,427 है। अनुमान है कि 2020 की तुलना में 2040 तक भारत में कैंसर के मरीज बढ़कर 20 लाख तक हो जाएंगे। ऐसे में भारत के लिए इससे निपटना काफी अहम है।
कार्यक्रम में भारत कितना योगदान कर रहा है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए सैंपल किट, टेस्ट किट और वैक्सीन के लिए देशों को करीब 62 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारत हिंद-प्रशांत देशों के लिए 4 करोड़ वैक्सीन खुराक का योगदान देगा और रेडियोथेरेपी उपचार में भी सहयोग करेगा। भारत कैंसर की जांच और देखभाल केलिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के इच्छुक देशों को तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा।
बेहद खतरनाक है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से से जुड़ा होता है। यह बीमारी आमतौर पर 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं में होती है। यह भारत में ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाओं को दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है और 44 साल तक की महिलाओं में यह बीमारी आम है। देश में हर साल इसके 1.6 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं और हजारों महिलाओं को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है।