अगले साल के अंत तक एशियाई देशों को एक अरब कोरोना वैक्सीन भेजेंगे क्वॉड देश
शुक्रवार को अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं के बीच चारों देशों के समूह क्वॉड की पहली वर्चुअल बैठक हुई। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहीदे सूगा शामिल हुए। बैठक में चारों देश मिलकर अगले साल के अंत तक एशियाई देशों को कोरोना की एक अरब वैक्सीन भेजने पर सहमत हुए हैं। इसके अलावा भी इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक के बाद जारी बयान में क्या कहा गया?
इस बैठक के बाद भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, "चारों देश वैक्सीन के उत्पादन को तेज करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में इनके वितरण के लिए अपने आर्थिक संसाधन और उत्पादन क्षमता को साथ लाने की योजना पर सहमत हुए हैं।" श्रृंगला ने आगे कहा, "हमें भरोसा है कि इससे महामारी के बाद उबरने की प्रक्रिया तेज होगी और परिवारों और कारोबारों को कोरोना वायरस का संकट पीछे छोड़ने में मदद मिलेगी।"
कैसे बनेगी और वितरित होगी वैक्सीन?
दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' कहे जाना वाला भारत अमेरिकी कंपनियों की वैक्सीन्स का उत्पादन करेगा। इसके लिए अमेरिका का इंटरनेशनल डेवलेपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन और जापान बैंक ऑफ इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन भारत को आर्थिक सहयोग मुहैया कराएगा। वहीं ऑस्ट्रेलिया इस प्रक्रिया में शामिल लोगों की ट्रेनिंग और वैक्सीन के वितरण के खर्च को वहन करेगा। क्वॉड देश मुख्य रूप से प्रशांत द्वीप के देशों, दक्षिण-पूर्वी एशिया और हिंद महासागर के देशों को वैक्सीन्स का वितरण करेंगे।
क्वॉड देश बनाएंगे ये वर्किंग ग्रुप्स
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बैठक में तीन वर्किंग ग्रुप्स का भी गठन किया गया है। इनके नाम क्वॉड वैक्सीन्स एक्सपर्ट्स ग्रुप, क्वॉड क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी वर्किंग ग्रुप और क्वॉड क्लाइमेट वर्किंग ग्रुप है।
"महामारी को खत्म करने के लिए ऐतिहासिक साझेदारी"
बैठक के बाद जारी 'द क्वॉड वैक्सीन पार्टनरशिप: ए फैक्टशीट' में कहा गया है कि लोगों को वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्वॉड के साझेदार कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए एक ऐतिहासिक साझेदारी कर रहे हैं। ये देश साझे कदम उठाकर सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने और हिंद-प्रशांत देशों को वैक्सीनेशन में सहायता करने के लिए तैयार हुए हैं। यह प्रक्रिया विश्व स्वास्थ्य संगठन और कोवैक्स के प्रयासों के साथ-साथ जारी रहेगी।
जलवायु परिवर्तन का भी खास जिक्र
जलवायु परिवर्तन को बाइडन प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा माना जा रहा है। क्वॉड बैठक के बाद जारी फैक्टशीट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन को क्वॉड देशों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्राथमिकता के तौर पर पहचाना गया है। क्वॉड देश मिलकर क्वॉड क्लाइमेट वर्किंग ग्रुप स्थापित करेंगे। इसका मुख्य ध्यान क्वॉड देशों के साथ-साथ अन्य देशों के लिए के साथ सहयोग और पेरिस समझौते को मजबूती पर लागू कराने पर रहेगा।
क्या है क्वॉड?
क्वॉड लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक समूह है जिसका मुख्य मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करना और उसकी दादागीरी को चुनौती देना है। इस समूह की परिकल्पना काफी पुरानी है, लेकिन यह सक्रिय कोरोना महामारी के दौरान चीन की बढ़ती आक्रामकता के बाद हुआ है। शुक्रवार को पहली बार इस चारों देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई थी, जिसमें चारों देशों के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया।