#NewsBytesExplainer: क्या है जेनिन कैंप, जहां इजरायल के हमले में 12 फिलिस्तीनी मारे गए?
इजरायल की सेना ने 3 जुलाई को वेस्ट बैंक में स्थित जेनिन में शरणार्थी शिविरों पर सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। 2 दिन चली इस कार्रवाई में फिलिस्तीन के कम से कम 12 लोग मारे गए और करीब 100 घायल हुए। इजरायल के भी एक सैनिक की मौत हुई है। इसे बीते 20 सालों के दौरान इलाके में हुई अब तक की सबसे घातक सैन्य कार्रवाई कहा जा रहा है। आइए समझते हैं कि इजरायल ने ये क्यों कार्रवाई की।
कहां स्थित है जेनिन?
जेनिन इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के उत्तर में पहाड़ी पर बसा एक छोटा शहर है। यहां पर जेनिन नाम से ही एक शरणार्थी शिविर है, जिसमें कांक्रीट की कई इमारतें हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक, इस शिविर का इलाका आधे वर्ग किलोमीटर से भी कम है, लेकिन यहां करीब 14,000 लोग रहते हैं। इजरायल और फिलीस्तीन दोनों ही इस क्षेत्र पर अपना-अपना दावा करते हैं और इसी को लेकर विवाद होता रहता है।
जेनिन शिविर का इतिहास क्या है?
यह शिविर 1948-49 में इजरायल और अरब देशों के बीच युद्ध के परिणामस्वरूप विस्थापित हुए फिलिस्तीनियों के लिए साल 1953 में बनाया गया था। बता दें कि इसी युद्ध के बाद इजरायल एक देश बना था। इस शिविर में उस वक्त हैफा, नजारेथ और आसपास के इलाके से लोग आकर रहने लगे। 1967 में हुए युद्ध के बाद वेस्ट बैंक का इलाका इजरायल के नियंत्रण में आ गया। अब यहां करीब 19 शरणार्थी शिविर है।
जेनिन में कौन लोग रहते हैं?
जेनिन में जो शरणार्थी रहते हैं, वे 1948 में इजरायल के निर्माण के समय बेदखल किए गए फिलिस्तीनियों के वंशज हैं। यहां कथित तौर पर कई आतंकवादी संगठन भी सक्रिय हैं। इनमें ईरान समर्थित इस्लामिक जिहाद, गाजा पट्टी पर नियंत्रित वाला हमास और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास का फतह गुट शामिल हैं। इन सभी को मिलाकर जेनिन ब्रिगेड्स कहा जाता है। इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) के अनुसार, इस शिविर में करीब 420 हथियारबंद लड़ाके हैं।
जेनिन को लेकर इजरायल का क्या रुख है?
इजरायल शुरू से ही जेनिन को चरमपंथी और आतंकवादी संगठनों का गढ़ मानता है। इजरायल का कहना है कि 2023 की शुरुआत से अब तक जेनिन के आतंकवादियों ने 50 से ज्यादा बार गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया है। इजरायल के मुताबिक, यहां की लगभग आधी आबादी हमास या इस्लामिक जिहाद से जुड़ी हुई है और जेनिन इस्लामिक जिहाद समूह द्वारा वित्त पोषित लड़ाकों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल है।
जेनिन में हिंसक झड़प के ताजा मामले
इसी साल जनवरी में इजरायली बलों ने जेनिन में एक हमले में 7 चरमपंथियों और 2 नागरिकों को मार डाला था। जून में भी चरमपंथियों और इजरायली सैनिकों के बीच गोलीबारी में 6 फिलिस्तीनी मारे गए थे और 90 से अधिक घायल हुए थे। इसी महीने एक बारूदी सुरंग की चपेट में आकर 7 इजरायली लोग घायल हो गए थे। पिछले हफ्ते इजरायली ड्रोन हमले में जेनिन के 3 फिलिस्तीनी चरमपंथियों की मौत हो गई थी।
पहले भी जेनिन में हुई है हिंसा
जेनिन कैंप साल 2000 से लेकर 2005 के बीच हुए भीषण खून-खराबे का भी गवाह रहा है। इस दौर को दूसरा इंतिफादा कहा जाता है। इस दौरान इजरायली सेना ने यहां 10 दिनों के भीषण संघर्ष के बाद कब्जा कर लिया था। इसे जेनिन युद्ध के नाम से जाना जाता है। UN के मुताबिक, इस युद्ध में 52 फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें से आधे से ज्यादा आम नागरिक थे। इजरायल के भी 23 सैनिकों की मौत हुई थी।