इजरायल में 'नेतन्याहू युग' खत्म, नेफ्टाली बेनेट होंगे नए प्रधानमंत्री

इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू का युग समाप्त हो गया है और महीनों की खींचतान के बाद आखिरकार रविवार को उनकी सरकार गिर गई। रविवार को संसद में हुई वोटिंग में उनकी सरकार को 120 सांसदों में से 59 को वोट मिला, वहीं विपक्षी गठबंधन को 60 वोट मिले। नेतन्याहू की सरकार गिरने के बाद अब नेफ्टाली बेनेट देश के नए प्रधानमंत्री होंगे। वे बेहद विपरीत विचारधाराओं वाली पार्टियों के गठबंधन की सरकार चलाएंगे।
पिछली कुछ हफ्ते से अपनी सरकार को बचाने के लिए कड़े प्रयास कर रहे 71 वर्षीय नेतन्याहू ने वोटिंग से पहले संसद में कहा, "अगर विपक्ष में बैठना हमारी नियति है तो हम इस बुरी सरकार को गिराने और देश की सत्ता में फिर से वापस लौटने तक सिर उठा कर ऐसा करेंगे।" उन्होंने कहा कि इजरायल का दुश्मन ईरान इस खतरनाक और कमजोर लेफ्ट-विंग सरकार के गठन का उत्सव मना रहा है।
दक्षिणपंथी पार्टी लिकुड के प्रमुख नेतन्याहू पिछले 12 साल से इजरायल के प्रधानमंत्री थे और उनके नाम सबसे अधिक समय तक इजरायल का प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड है। इससे पहले वह 1990 के दशक में भी तीन साल के लिए देश के प्रधानमंत्री रहे थे। हालांकि 2019 चुनाव में उनकी या अन्य किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। इसके बाद पिछले साल फिर चुनाव हुए, लेकिन तब भी किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत मिला।
किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद मुख्य विपक्षी नेता येर लेपिड ने अलग-अलग विचारधारा की आठ पार्टियों का एक गठबंधन बनाया और यही गठबंधन अब सरकार में आया है। इसमें नेफ्टाली की यामिना पार्टी सात सांसदों के साथ गठबंधन की पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन बहुमत के लिए यामिना का समर्थन जरूरी थी, इसलिए वो किंगमेकर की भूमिका में है और नेफ्टाली प्रधानमंत्री बने हैं।
गठबंधन की पार्टियों में हुए समझौते के तहत नेफ्टाली दो साल यानि 2023 तक इजरायल के प्रधानमंत्री रहेंगे और इसके बाद अगले दो साल लेपिड प्रधानमंत्री रहेंगे। लेपिड मध्यमार्गी विचारधारा के नेता हैं। लिकुड पार्टी का प्रमुख होने के कारण नेतन्याहू नेता विपक्ष बनेंगे।
नेफ्टाली बेनेट एक दक्षिणपंथी विचारधारा के नेता हैं और उन्हें नेतन्याहू से ज्यादा कट्टर विचारधारा का माना जाता है। वह नेतन्याहू के साथ भी काम कर चुके हैं और उनकी सरकार में रक्षा मंत्री भी रहे थे। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी से अलग होने के बाद वे धार्मिक यहूदी होम पार्टी में शामिल हो गए थे और उसकी टिकट पर 2013 में सांसद बने थे। वे 2019 तक नेतन्याहू की हर सरकार में मंत्री भी रहे।