NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / #NewsBytesExplainer: 200 साल पहले बना सैजिटेरियस ए स्टार, जानें क्या होते हैं ब्लैक होल
    अगली खबर
    #NewsBytesExplainer: 200 साल पहले बना सैजिटेरियस ए स्टार, जानें क्या होते हैं ब्लैक होल
    नासा के IXPE टैलिस्कोप के अनुसार माना जा रहा है कि सैजिटेरियस ए स्टार 200 साल पहले जग गया था (तस्वीर: नासा)

    #NewsBytesExplainer: 200 साल पहले बना सैजिटेरियस ए स्टार, जानें क्या होते हैं ब्लैक होल

    लेखन रजनीश
    Jun 23, 2023
    11:50 am

    क्या है खबर?

    नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) टेलिस्कोप के नए निष्कर्षों के अनुसार, आकाशगंगा के केंद्र में स्थित सुपरमैसिव ब्लैक होल सैजिटेरियस ए स्टार लगभग 200 साल पहले सक्रिय हो गया था।

    पृथ्वी से 25,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित यह ब्लैक होल धरती का सबसे निकटतम सुपरमैसिव ब्लैक होल है और इसका द्रव्यमान सूर्य से लाखों गुना अधिक होने का अनुमान है।

    ब्लैक होल शक्तिशाली ब्रह्मांडीय वस्तुएं हैं, जो अपने आसपास घूमने वाली हर चीज को नष्ट कर देती हैं।

    रहस्य

    एक्स-रे विस्फोट से हुई थी चमक

    ब्लैक होल का रहस्य वर्षों से खगोल वैज्ञानिकों के लिए जिज्ञासा का विषय है।

    शुरुआत में शोधकर्ताओं ने देखा कि आकाशगंगा (मिल्की वे) के केंद्र में मौजूद विशाल तारा निर्मित गैसीय बादल एक्स-रे में काफी ज्यादा चमक रहे थे। इतनी चमक की उम्मीद नहीं थी।

    यह एक्स-रे सिग्नल स्वयं गैसीय क्षेत्रों से उत्पन्न नहीं हुआ था बल्कि सैजिटेरियस ए स्टार ब्लैक होल से एक्स-रे विस्फोट के बाद इन बादलों पर रिफ्लेक्शन का परिणाम था।

    सबूत

    वैज्ञानिक मूल चमक को मानते हैं 200 साल पहले की घटना

    IXPE टेलीस्कोप के जरिए वैज्ञानिकों ने अपने सिद्धांत के लिए सूबत जुटाए हैं।

    उनका मानना है कि सैजिटेरियस ए स्टार ने ब्रह्मांडीय सामग्री को निगल लिया, जिससे एक्स-रे की एक तेज चमक निकली। यह चमक बाद में ब्लैक होल के करीब मौजूद गैस के बादलों द्वारा रिफ्लेक्ट हुई।

    वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मूल चमक 200 साल पहले की घटना थी। ए स्टार अपने निकट घूमने वाले किसी भी ब्रह्मांडीय पदार्थ को निगल जाता है और एक्स-रे उत्सर्जित करता है।

    जानकारी

    ब्लैक होल में गिर जाता है मलबा

    कई तारे और गैसीय बादल खतरनाक तरीके से सैजिटेरियस ए स्टार के करीब घूमते रहते हैं और उनमें से किसी को इस विशाल ब्लैक होल ने पकड़ लिया होगा और निगल गया होगा। इसका मलबा सीधे ब्लैक होल में गिर जाता है।

    नासा

    एक्स-रे ध्रुवीकरण को माप सकता है IXPE टेलीस्कोप

    नासा का IXPE टेलीस्कोप एक्स-रे ध्रुवीकरण को माप सकता है, जो तब होता है, जब ब्लैक होल ब्रह्मांडीय सामग्री को खा जाते हैं।

    एक वेबसाइट के मुताबिक, ध्रुवीकरण से तात्पर्य एक विशेष दिशा में प्रकाश तरंगों के दोलन से है, जिससे यह जानकारी मिल सकती है कि प्रकाश कैसे उत्पन्न हुआ और रिफ्लेक्ट हुआ।

    IXPE की मदद से शोधकर्ताओं ने पाया कि एक्स-रे सिग्नल्स का ध्रुवीकरण कोण सैजिटेरियस ए स्टार की दिशा की तरफ इंगित करता है।

    कंपास

    कंपास की तरह काम करता है ध्रुवीकरण कोण

    रोम में इटालियन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के खगोल वैज्ञानिक रिकार्डो फेराजोली ने कहा कि ध्रुवीकरण कोण एक कंपास की तरह काम करता है। ये रोशनी के रहस्यमय और लंबे समय से चले आ रहे स्त्रोत की ओर इशारा करता है।

    IXPE की मदद से देखे गए एक्स-रे सिग्नल्स के ध्रुवीकरण कोण जिस दिशा में इशारा कर रहे हैं, उधर सैजिटेरियस ए स्टार के अलावा कुछ नहीं है। वर्तमान में सैजिटेरियस ए स्टार निष्क्रिय है।

    जानकारी

    यह पता लगाना चाहते हैं शोधकर्ता

    शोधकर्ता इस ब्लैक होल को लेकर आगे की जांच में यह पता लगाने के लिए शोध करना चाहते हैं कि कौन सी भौतिक प्रक्रियाएं अब इस निष्क्रिय ब्लैक होल को फिर से जगाने में सक्षम होंगी।

    अंत

    क्या है ब्लैक होल?

    वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है और धीरे-धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है। ब्लैक होल बनने के बाद ये सब कुछ अपने में समेटने लगता है।

    ब्लैक होल आकाशगंगाओं के केंद्र में होते हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि यह स्पेस में वह जगह है, जहां भौतिक का कोई नियम काम नहीं करता। यहां गुरुत्वाकर्षण और अंधकार है।

    जानकारी

    प्रकाश को भी निगल जाता है ब्लैक होल

    ब्लैक होल की गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी ज्यादा होती है कि यह सितारों के साथ ही प्रकाश को भी निगल जाते हैं। ये जब सितारों को निगलते हैं, तब बाहर की तरफ तेज रोशनी निकलती है।

    प्रकार

    कई तरह के होते हैं ब्लैक होल

    ब्लैक होल कई प्रकार होते हैं, इनमें सुपरमेसिव ब्लैक होल और अल्ट्रा मेसिव ब्लैक होल होते हैं।

    अल्ट्रामेसिव ब्लैक होल सबसे बड़े आकार के होते हैं और इनका द्रव्यमान 10 अरब सूरज से भी ज्यादा माना जाता है।

    मिल्की वे जैसी आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाने वाले सुपर मेसिव ब्लैक होल के मुकाबले अल्ट्रामेसिव ब्लैक होल काफी बड़े होते हैं।

    ब्रह्मांड में कई ब्लैक होल हैं और कई की अभी खोज भी नहीं हो पाई है।

    सक्रिय

    सक्रिय अवस्था वाले ब्लैक होल का लग जाता है पता

    अधिकांश ब्लैक होल जिनके बारे में जानकारी उपलब्ध है, वे सक्रिय अवस्था में होते हैं। यही ब्लैक होल तारों आदि को खींचते हैं, जिनसे प्रकश, एक्स रे आदि पैदा होता है और इनके आवरण को विशेष चमक देते हैं। इसी चमक से टेलिस्कोप आदि की मदद से इनकी उपस्थिति का पता चलता है।

    निष्क्रिय ब्लैक होल को देख पाना लगभग असंभव होता है। इनके आसपास कुछ घटित नहीं होता है तो इनकी उपस्थिति का भी पता नहीं चल पाता।

    जानकारी

    निष्क्रिय ब्लैक होल की इस तरह होती है पहचान

    निष्क्रिय ब्लैक होल की पहचान केवल ग्रैविटेशनल लेंसिंग से ही संभव हो पाती है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि निष्क्रिय ब्लैक होल ब्रह्मांड के निर्माण की शुरुआत में ही बने थे और बाद में एक-दूसरे में विलय होकर बड़े होते गए।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    ब्लैक होल
    नासा
    #NewsBytesExplainer

    ताज़ा खबरें

    जीमेल में अब स्मार्ट रिप्लाई होंगे और भी बेहतर, गूगल ने जोड़ा नया AI फीचर जीमेल
    I/O 2025: गूगल ने जेमिनी में जोड़ा AI असिस्टेंट, अब लाइव पहचान कर सुधारेगा गलतियां गूगल
    IPL 2025: वैभव सूर्यवंशी ने लगाया अर्धशतक, बने हमारे 'प्लेयर ऑफ द डे' वैभव सूर्यवंशी
    IPL 2025: RR ने CSK को दी शिकस्त, देखिए मैच के शानदार मोमेंट्स IPL 2025

    ब्लैक होल

    वैज्ञानिकों को मिला पहला सबूत, ब्लैक होल हैं डार्क एनर्जी के स्रोत  सौरमंडल
    नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ढूंढा ब्रह्मांड का सबसे पुराना ब्लैक होल नासा

    नासा

    नासा ने जारी किया अलर्ट, आज पृथ्वी के करीब से गुजरेगा एस्ट्रोयड 2023 HV5 एस्ट्रोयड
    सनस्पॉट में विस्फोट के बाद M-क्लास सोलर फ्लेयर हुआ उत्पन्न, सौर तूफान का अलर्ट जारी सनस्पॉट
    कल पृथ्वी के करीब से गुजरेगा 180 फीट चौड़ा एस्ट्रोयड, अलर्ट पर नासा एस्ट्रोयड
    पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा विमान के आकार का एस्ट्रोयड, नासा ने जारी किया अलर्ट एस्ट्रोयड

    #NewsBytesExplainer

    #NewsBytesExplainer: प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका दौरा क्यों है खास और क्या-क्या समझौते हो सकते हैं? अमेरिका
    #NewsBytesExplainer: 4K में दोबारा कैसे रिलीज की जाती हैं पुरानी फिल्में? गदर फिल्म
    #NewsBytesExplainer: डोनाल्ड ट्रंप के घर कौन-से गोपनीय दस्तावेज मिले और उन पर लगे आरोप क्या हैं? डोनाल्ड ट्रंप
    #NewsBytesExplainer: जानिए कब शुरू हुआ डबिंग का दौर और कैसे विश्व स्तर तक पहुंची भारतीय फिल्में बॉलीवुड समाचार
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025