इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम समझौते में क्या है और इससे लेबनान में शांति आएगी?
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच चल रहे युद्ध के खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध विराम समझौते पर विचार के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब इजरायली कैबिनेट युद्ध विराम समझौते पर मतदान करेगी। अगर, अधिकतर सदस्य समझौते के पक्ष में मतदान करते हैं तो इस युद्ध का अंत हो जाएगा। बता दें कि इस युद्ध में अब तक 3,700 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
अमेरिका और फ्रांस के राष्ट्रपति कर सकते हैं युद्ध विराम की घोषणा
रॉयटर्स के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों लेबनान में इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच चल रहे युद्ध के विराम की घोषणा कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि यह समझौता अमेरिका की मध्यस्थता से किया जा रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी संकेत दिया है कि वह लेबनान और उसके बाद हिजबुल्लाह के साथ शर्तों के आधार पर युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं।
युद्ध विराम समझौते की शर्तें क्या हैं?
अमेरिका द्वारा मध्यस्थता किया गया यह समझौता 2 महीने के भीतर युद्ध को पूरी तरह से खत्म करने को लेकर है। इस अवधि में सबसे पहले इजरायली सेना लेबनान से हटेगी और उसके बाद हिजबुल्लाह लिटानी नदी के दक्षिण में इजरायल की दक्षिणी सीमा से पीछे हटेगा। दोनों पक्षों के सैनिकों की वापसी होने के बाद हजारों लेबनानी सैनिकों को पहले से ही वहां मौजूद संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक बल के साथ क्षेत्र में तैनात किया जाएगा।
किया जाएगा अंतरराष्ट्रीय समिति का गठन
रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध विराम समझौते और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 1701 के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समिति गठित की जाएगी, जिसे 2006 में इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए पारित किया गया था।
समझौते में अभी क्या फंसा हुआ है पेंच?
वाशिंगटन में इजरायल के राजदूत माइकल हर्जोग ने इजरायली आर्मी रेडियो से कहा कि यह सौदा लगभग अंतिम रूप ले चुका है, लेकिन कुछ बिंदुओं को सुलझाने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए हिजबुल्लाह के समझौते का उल्लंघन करने पर इजरायल दोबारा हमला करने की स्वतंत्रता चाहता है। हालांकि, लेबनान के अधिकारियों ने इसे उनकी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। हिजबुल्लाह नेता नईम कासेम ने आक्रामकता के पूर्ण और व्यापक अंत वाले समझौते की वकालत की है।
क्या नेतन्याहू ने समझौते को मंजूरी दे दी?
महीनों की चर्चा और गहन बातचीत के बाद इजरायली अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैद्धांतिक रूप से इस पर सहमति व्यक्त की है और इस पर सहमति बनाने के लिए मंगलवार शाम को तेल अवीव में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा कैबिनेट की बैठक् बुलाई है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि इजरायल शत्रुता की समाप्ति स्वीकार कर रहा है, न कि हिजबुल्लाह के खिलाफ युद्ध की समाप्ति। इसकी अवधि के बारे में कुछ नहीं कहा सकता है।"
इजरायल की कैबिनेट की मंजूरी के बाद पारित होगा समझौता
समझौते की चर्चा में शामिल एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "हमें लगता है कि समझौता कर लिया है। हम लक्ष्य रेखा पर हैं, लेकिन अभी इसे पारित नहीं किया है। इजरायली कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे पारित किया जाएगा। तब तक निगरानी जारी है।"
समझौते पर क्या है अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया?
इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्वीर ने समझौते को बड़ी गलती बताते हुए कहा कि यह हिजबुल्लाह को खत्म करने का ऐतिहासिक अवसर खोना होगा। प्रधानमंत्री को अपने सैनिकों की बात सुननी चाहिए। इजरायल मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले बेनी गैंट्ज ने प्रधानमंत्री से युद्ध विराम समझौते का विवरण सार्वजनिक करने का आह्वान किया। गैंट्ज ने कहा, "उत्तर के निवासियों, लड़ाकों और इजरायल के नागरिकों को इस समझौते के बारे में जानने का अधिकार है।"
क्या समझौते से बहाल हो सकेगी शांति?
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनने पर युद्ध से तबाह हुए क्षेत्र में शांति आएगी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इसका गाजा में इजरायल-हमास युद्ध पर क्या असर होगा। एक राजनयिक ने आशंका जताई कि अगर अभी युद्ध विराम नहीं हुआ तो यह सीरिया और इराक तक फैल जाएगा। इजरायल ने सीरिया में ईरान से जुड़े समूहों पर नियमित रूप से हवाई हमले किए हैं और इराक में भी हमला करने की धमकी दी है।