दुनियाभर में हमास के शीर्ष नेताओं को मारने की तैयारी में इजरायल, मोसाद को निर्देश- रिपोर्ट
हमास के अचानक हमले के बाद इजरायल ने हमास को जड़ से खत्म करने का दृढ़ संकल्प ले रखा है। गाजा पट्टी में युद्ध के बाद अब इजरायल दुनियाभर में हमास के शीर्ष नेताओं का शिकार करने की योजना बना रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के अनुसार, हमास को 7 अक्टूबर जैसा हमला दोहराने से रोकने के लिए इजरायली एजेंसियों को दुनियाभर में हमास के शीर्ष नेताओं की हत्या करने का आदेश दिया गया है।
किसने दिया है हमले का आदेश?
इजरायली अधिकारियों के हवाले से की गई WSJ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा जासूसी एजेंसी मोसाद को गाजा पट्टी के बाहर हमास के शीर्ष नेताओं की हत्या की योजना तैयार करने का आदेश दिया गया है। मोसाद ने इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया है। अभी हमास के नेता तुर्की, कतर और लेबनान आदि में रहते हैं। कतर में रह रहे हमास नेता मोसाद के खास निशाने पर हैं।
इजरायल के निशाने पर हमास के कौन से नेता?
कुछ बड़े नाम जो मोसाद की हत्या सूची में शामिल हो सकते हैं, उनमें इस्माइल हानिया, मोहम्मद दीफ, याह्या सिनवार और खालिद मशाल जैसे नाम हैं। 60 वर्षीय हानिया फिलिस्तीन के पूर्व प्रधानमंत्री हैं और 2017 में हमास के पोलित ब्यूरो के प्रमुख बने थे। 2006 में उन्हें एक जहरीले पत्र के जरिए मारने की कोशिश हुई थी। फिलहाल वह स्वैच्छिक निर्वासन में हैं और तुर्की और कतर में रहते हैं।
कौन है इजरायल का दुश्मन नंबर-1 मोहम्मद डायफ?
मोहम्मद डायफ हमास की सैन्य शाखा, एज्जदीन अल-कसम ब्रिगेड, का प्रमुख है और इजरायल का दुश्मन नंबर एक भी कहा जाता है। इजरायली अधिकारियों ने उसे मारने के कम से कम 6 बार प्रयास किए, लेकिन हर बार नाकाम रही। इस आतंकी का एक ऑडियो मैसेज 7 अक्टूबर को इजरायल पर किये गए हमले के बाद सुना गया था, जिसमें उसने इस ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया था। इजरायल का मानना है कि वह गाजा पट्टी में मौजूद है।
याह्या सिनवार और खालिद मशाल कौन?
61 वर्षीय सिनवार हमास की सैन्य शाखा के पूर्व कमांडर हैं और 2017 में गाजा में हमास के प्रमुख के रूप में चुने गए थे। उन्होंने 2011 में अपनी रिहाई से पहले इजरायली जेलों में 24 साल बिताए थे। सिनवार ने पोलित ब्यूरो में इस्माइल हानिया की जगह ली थी। खालिद मशाल भी हमास के संस्थापकों में से एक है और पोलित ब्यूरो का सदस्य है। 1997 में मोसाद ने जॉर्डन में मशाल की हत्या की कोशिश की थी।
मोसाद पहले भी दे चुकी है ऐसे ऑपरेशन को अंजाम
मोसाद अपने गुप्त आतंकी विरोधी ऑपरेशंस के लिए जानी जाती है और 1970 के दशक में भी उसने म्यूनिख ओलंपिक नरसंहार में शामिल फिलिस्तीनी आतंकवादियों की हत्या के लिए एक साल तक विदेशों में अभियान चलाया था। पिछले कुछ वर्षों में भी मोसाद पर फिलिस्तीनी आतंकवादियों और ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की विदेशों में हत्या का आरोप लगा है। मोसाद खुफिया जानकारियां जुटाने के बाद उनका विश्लेषण कर बेहद गोपनीय तरीके से अभियान को अंजाम देती है।
योजना को अंजाम देने में हैं ये पेच
नेतन्याहू ने नवंबर के अंत में एक संबोधन में विदेश में हत्याओं के लिए इजरायल की योजनाओं का संकेत दिया था। उन्होंने कहा था, "मैंने मोसाद (इजरायली खुफिया एजेंसी) को हमास के प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, चाहे वो कहीं हो।" हालांकि, कुछ लोगों की आपत्ति के बाद इसे गुप्त रखा गया। दरअसल, कतर या तुर्की की धरती पर हमास नेताओं की हत्या से बंधकों को मुक्त कराने के राजनयिक प्रयासों को झटका लग सकता है।
मोसाद के पूर्व निदेशक ने जताई चिंता
WSJ की रिपोर्ट अनुसार, मोसाद के पूर्व निदेशक एफ्रैम हेलेवी ने इस योजना के परिणामों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में हमास के ठिकानों को खत्म करने से इजरायल के लिए खतरे खत्म नहीं होंगे। उन्होंने कहा, "वैश्विक स्तर पर हमास का पीछा करना और उसके सभी नेताओं को इस दुनिया से व्यवस्थित रूप से हटाने की कोशिश करना बदले की भावना है, न कि रणनीतिक लक्ष्य हासिल करने की इच्छा।"
न्यूजबाइट्स प्लस
हमास एक फिलिस्तीनी आतंकी संगठन और एक राजनीतिक पार्टी है। ये शब्द अरबी के 'हरकत अल मुकावामा अल इस्लामिया' से मिलकर बना है, जिसका मतलब इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन होता है। इसकी स्थापना 1987 में इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन के पहले विद्रोह के दौरान मौलवी शेख अहमद यासीन ने की थी। ये न सिर्फ एक आतंकी संगठन है, बल्कि राजनीति में भी सक्रिय है। इसे अमेरिका, इजरायल और ब्रिटेन समेत कई देशों ने आतंकवादी संगठन करार दिया है।