जयशंकर का पलटवार, कहा- अमेरिका में मानवाधिकर उल्लंघन पर हम भी रखते हैं नजर
भारत में मानवाधिकार उल्लंघन पर अमेरिका के बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पलटवार किया है। बुधवार को वॉशिंगटन में भारतीय मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को भारत और उसकी नीतियों के बारे में राय रखने का हक है, लेकिन भारत को भी उनके बारे में अपनी राय रखने का हक है। अमेरिका में सिखों पर हमले की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका में मानवाधिकर उल्लंघन पर भारत के भी विचार हैं।
जयशंकर ने क्या कहा?
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, "सोमवार को वॉशिंगटन में 2+2 बैठक में भारत में मानवाधिकार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी। लोग हमारे बारे में अपना विचार रखने का हक रखते हैं, लेकिन उसी तरह हमें भी उनके विचारों और हितों और उन्हें प्रभावित करने वाली लॉबियों और वोट बैंक के बारे में अपनी बात रखने का हक है। इसलिए जब भी चर्चा होती है तो हम बोलने से पीछे नहीं हटेंगे।"
अमेरिका में मानवाधिकार उल्लंघन पर हमारी भी राय- जयशंकर
जयशंकर ने आगे कहा, "मैं आपसे कह सकता हूं कि अमेरिका समेत अन्य देशों में मानवाधिकार को लेकर हमारे भी विचार हैं। जब किसी देश में मानवाधिकार का मामला उठता है तो हम उसे उठाते हैं, खासकर जब वो हमारे समुदाय से संबंधित होता है। बल्कि कल ही हमें एक मामला देखने को मिला।" इस बयान में जयशंकर न्यूयॉर्क में दो सिखों पर हमले की तरफ इशारा कर रहे थे। इसके एक नस्लभेदी हमला होने की आशंका है।
अमेरिका ने क्या कहा था?
सोमवार को भारत के साथ 2+2 स्तर की वार्ता के बाद अमेरिकी विदेशी मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था, "हम नियमित तौर पर अपने भारतीय सहयोगियों के साथ इन साझा मूल्यों (मानवाधिकार) पर चर्चा करते हैं और इस दिशा में हम सरकारी, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के बढ़ते मामलों समेत भारत में कुछ हालिया चिंतनीय घटनाक्रमों पर नजर रख रहे हैं।" यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ये दोनों देशों की पहली 2+2 स्तर की वार्ता थी।
न्यूजबाइट्स प्लस
बता दें कि भारत में मु्स्लिमों के त्योहारों, पहनावे और व्यवसायों के खिलाफ एक अभियान सरीखा चलाया जा रहा है। सबसे पहले कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने पर सवाल उठाए गए। इसके बाद कर्नाटक में ही मंदिर परिसरों में चल रही मुस्लिमों की दुकानों को बंद कर दिया गया। धीरे-धीरे ये अभियान देशभर में फैल गए और अब हलाल मीट से लेकर लाउडस्पीकरों से अजान पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की जा रही है।