पहली बार रूसी सेना की मदद से यूक्रेन से निकाले गए भारतीय नागरिक
युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार के प्रयास लगातार जारी हैं। इसी सिलसिले में यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसन में फंसे तीन भारतीयों को रूस की सेना की मदद से सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया था। युद्ध शुरू होने के बाद यह पहली बार था, जब रूसी सेना ने भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद की। अभी तक बाकी शहरों में फंसे भारतीयों को यूक्रेनी सरकार और सेना की मदद से निकाला गया था।
क्राइमिया के जरिये सुरक्षित स्थान पर ले जाए गए तीनों भारतीय
रूस की राजधानी मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने खेरसन में फंसे एक छात्र और दो कारोबारियों समेत तीन लोगों को निकालने के इंतजाम किए थे। इन्हें क्राइमिया के सिमफेरोपोल के रास्ते खेरसन से मॉस्को ले जाया गया। बता दें कि क्राइमिया से सटा हुए खेरसन इलाके पर रूस का कब्जा है और उसने यहां की राजधानी पर 3 मार्च को ही नियंत्रण कर लिया था। क्राइमिया पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था।
मंगलवार को उड़ान से भारत लौटे तीनों लोग
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मॉस्को में तैनात एक राजनयिक ने बताया, "हमने उनके लिए सिमफेरोपोल आने के लिए बसों में सीटों का इंतजाम किया और वहां से उन्हें ट्रेन के लिए जरिये मॉस्को लाया गया, जिसके बाद उन्होंने मंगलवार को भारत के लिए उड़ान भर ली है। इनमें से एक छात्र है, जो चेन्नई जाएगा, जबकि दो कारोबारी अहमदाबाद जाएंगे।" यह पहली बार है, जब युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय रूस के रास्ते भारत लौटे हैं।
पहली बार रूसी सेना ने की मदद
यह पहली बार था, जब रूस की सेना ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में की। बता दें कि इस साल जनवरी के बाद से अब तक 22,000 से अधिक भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं। इनमें से 17,000 से अधिक को 'ऑपरेशन गंगा' के तहत विशेष उड़ानों के जरिये भारत लाया गया था। सीजफायर होने के स्थिति में ये लोग यूक्रेन के पश्चिम में स्थित पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया के रास्ते भारत लौटे थे।
भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए तैनात की गई थीं टीमें
यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए सरकार ने चारों पड़ोसी देशों में स्थिति अपने दूतावास से टीमों को यूक्रेन सीमा पर भेजा था। इसके अलाचा चार केंद्रीय मंत्रियों को विशेष दूत के तौर पर वहां भेजा था। ये सभी अधिकारी और मंत्री संबंधित देशों की सरकारों से समन्वय कर भारतीयों की वापसी सुनिश्चित कर रहे थे। अभियान में एयर इंडिया के साथ स्पाइसजेट, इंडिगो और भारतीय वायुसेना के C-16 विमानों की मदद ली गई थी।