कतर: रेनबो टी-शर्ट पहने पत्रकार को नहीं मिली मैदान में एंट्री, जानिये क्या है विवाद
खाड़ी देश कतर में जारी फुटबॉल विश्व कप में रोजाना कोई ना कोई विवाद सामने आ रहा है। हाल ही में रेनबो टी-शर्ट पहने हुए एक अमेरिकी खेल पत्रकार को फुटबॉल स्टेडियम में कथित तौर पर प्रवेश नहीं करने देने की बात सामने आई थी। स्टेडियम की सिक्योरिटी ने पत्रकार को टी-शर्ट उतारने के लिए भी कहा था। गौरतलब है कि रेनबो LGBTQ समुदाय के अधिकारों का एक प्रतीक है जबकि कतर में समलैंगिकता गैर-कानूनी है।
क्या है पूरा मामला?
ग्रांट व्हाल नामक अमेरिकी पत्रकार सोमवार को अमेरिका और वेल्स के मैच के लिए दोहा के अल-रय्यान स्टेडियम पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एक काले रंग की टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिस पर एक फुटबॉल के चारों तरफ एक रेनबो (इंद्रधनुष) बना हुआ था।
पत्रकार ने मामले को लेकर ट्वीट भी किया
व्हाल ने अपनी एक फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया, "कतर विश्व कप की सिक्योरिटी ने LGBTQ अधिकारों का समर्थन करने वाली टी-शर्ट पहनने पर मुझे 25 मिनट तक रोका रहा, मेरा फोन छीन लिया और स्टेडियम में प्रवेश करने के लिए टी-शर्ट उतारने के लिए कहा...मैंने मना कर दिया।" व्हाल ने एक और ट्वीट में लिखा, "मैं ठीक हूं लेकिन यह बेकार की परेशानी थी। मैं मीडिया सेंटर में हूं और अभी भी अपनी टी-शर्ट पहने हुआ हूं।"
कतर के नागरिकों ने रोक को बताया सही
कतर के शिक्षाविद डॉ नायफ बिन नाहर ने अमेरिकी पत्रकार को रोके जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "मुझे कतर के नागरिक के रूप में जो हुआ, उस पर गर्व है। मैं नहीं जानता कि पश्चिम के लोग कब समझेंगे कि उनके मूल सिद्धांत सार्वत्रिक नहीं हैं। अन्य संस्कृतियों का भी समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए।" वहीं, एक अन्य नागरिक ने कहा कि एक सभ्य व्यक्ति के रूप में नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
समलैंगिकता पर क्या कहता है कतर का कानून?
कतर में शरिया कानून के तहत समलैंगिकता गैर-इस्लामिक और गैर-कानूनी है। देश में समान लिंग के साथ संबंध बनाने के दोषी होने पर एक से तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। वहीं, दोषी को भारी जुर्माने के अलावा सात वर्षों की जेल से लेकर मौत की सजा भी दी जा सकती है। गौरतलब है कि कतर में समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध के साथ-साथ LGBT समुदाय के समर्थन में अभियान चलाने पर भी रोक है।
पहले भी कई घटनाएं आईं हैं सामने
ह्यूमन राइट्स वॉच ने अक्टूबर में बताया था कि कतर के सुरक्षा विभाग ने मनमाने ढंग से LGBTQ समुदाय के लोगों को गिरफ्तार किया था और हिरासत में उनके साथ दुर्व्यवहार किया। ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2019 और 2022 के बीच पुलिस हिरासत में पिटाई के छह मामलों और यौन उत्पीड़न के पांच मामलों की जानकारी भी दी थी। गौरतलब है कि सुरक्षाबलों ने सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को उनकी लिंग अभिव्यक्ति के आधार पर गिरफ्तार किया था।
कतर में समलैंगिकता को लेकर सामने आए बड़े मामले
पोलैंड के इंस्टाग्राम स्टार किंग लक्सी को 2016 में कथित तौर पर समलैंगिक होने के आरोप में कतर में हिरासत में लिया गया था। उन्होंने रिहा होने से पहले करीब दो महीने हिरासत में बिताए थे। वहीं, 1998 में कतर गए एक अमेरिकी नागरिक को कतर को कथित तौर पर समलैंगिक गतिविधि में शामिल होने के लिए छह महीने की जेल और 90 कोड़ों की सजा सुनाई गई थी।
कानून में समलैंगिकों पर कार्रवाई की बात
कतर में 2004 में बनाए गए कानून के मुताबिक, समलैंगिक सेक्स में शामिल होने पर पुरुषों और महिलाओं दोनों पर कार्रवाई की जा सकती है। वहीं समलैंगिक शादी पर भी यहां रोक लगी हुई है।
पहले भी चली थी रेनबो आर्मबैंड पहनने की बात
कई यूरोपीय देशों की फुटबॉल टीमों के कप्तानों ने सितंबर में 'वन लव' अभियान के तहत विश्व कप के दौरान विविधता और समावेश की भावना को बढ़ावा देने के लिए रेनबो आर्मबैंड पहनने की बात कही थी। हालांकि, FIFA की चेतावनी के बाद ये इस अभियान से पीछे हट गए। गौरतलब है कि डच फुटबॉल असोसिएशन ने 2020 में 'वन लव' अभियान की शुरुआत की थी जिसके बाद फ्रांस, स्वीडन, नॉर्वे समेत अन्य देश भी जुड़ गए।
विश्व कप में जाकिर नाइक की मौजूदगी को लेकर भी छिड़ा था विवाद
बतौर रिपोर्ट्स, मेजबान कतर ने भड़काऊ भाषण देने के लिए भारत में प्रतिबंधित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक को विश्व कप के दौरान धार्मिक उपदेश देने के लिए आमंत्रित किया था। इसको लेकर भारत में विवाद छिड़ गया था। हालांकि, कतर ने कहा है कि उसने 20 नवंबर को दोहा में आयोजित फुटबॉल विश्व कप के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए नाइक को किसी भी तरह का कोई आधिकारिक आमंत्रण नहीं भेजा था।