जानें क्या है OIC जिसमें पहली बार शामिल हुआ भारत, विरोध में पाकिस्तान ने किया बहिष्कार
भारत पाकिस्तान के बीच जारी टकराव के बीच भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में हिस्सा ले रही हैं। सुषमा को बतौर विशेष अतिथि OIC सदस्यों के विदेश मंत्रियों की बैठक में बुलाया गया है। ये पहली बार है जब भारत को OIC में भाग लेना का न्यौता मिला है। पाकिस्तान भारत को बुलाए जाने का विरोध कर रहा है। आइए जानते हैं कि OIC क्या है और कैसे यह भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
मुस्लिम बहुल देशों का संगठन
OIC, 57 सदस्यों का एक वैश्विक समूह है और इसके सारे सदस्य मुस्लिम बहुल देश हैं। संगठन की स्थापना 1969 में हुई थी और यह खुद को 'मुस्लिम समाज की सामूहिक आवाज' के तौर पर परिभाषित करता है। संगठन के माध्यम से इस्लामी देश मुस्लिम समुदाय से जुड़े राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर विचार विमर्श करते हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है।
पाकिस्तान करता रहा है भारत को शामिल करने का विरोध
रूस, थाईलैंड समेत कुछ अन्य देशों को OIC में सदस्य देशों 'ऑबजर्वर मेंबर' का पद मिला हुआ है। पाकिस्तान हमेशा ही OIC का इस्तेमाल कश्मीर में मुस्लिम समुदाय की हालत के बारे में झूठ फैलाने और भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा करने के लिए करता रहा है। यही कारण है कि कश्मीर पर OIC का रुख पाकिस्तान के समर्थन में रहा है। पाकिस्तान संगठन में भारत को बुलाए जाने का विरोध भी करता रहा है।
पाकिस्तान ने किया बैठक का बहिष्कार
इस बार भी जब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भारत को बतौर मुख्य अतिथि बैठक में हिस्सा लेने का न्यौता दिया तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इसका बहिष्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर सुषमा बैठक में हिस्सा लेंगी तो वह इसमें शामिल नहीं होंगे। पिछले साल तुर्की और बांग्लादेश ने OIC में भारत को शामिल करने की मांग की थी। सऊदी अरब और कतर भी भारत को शामिल करना चाहते हैं।
आतंक का समर्थन कर रहे देशों पर बने दबाव- सुषमा स्वराज
बैठक में सुषमा ने इस्लामिक दुनिया के साथ सहयोग पर जोर दिया। पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "अगर हम इंसानियत को बचाना चाहते हैं तो हमें आतंकियों को पनाह और मदद देने वाले देशों को आतंकी अंड्डों को ध्वस्त करने को कहना होगा।"
सुषमा स्वराज का पाकिस्तान पर प्रहार
OIC में हिस्सा लेना भारत के लिए कूटनीटिक फायदा
OIC के सदस्य देशों से नजदीकी और बैठक में हिस्सा लेने का भारत को बड़ा कूटनीतिक फायदा है। भारत अब कश्मीर पर अपना रुख इस्लामिक समाज के सामने रख सकता है जिससे पाकिस्तान के एकतरफा प्रचार को कड़ी चुनौती मिलेगी। OIC में भारत को बुलाया जाना सऊदी अरब और UAE के साथ भारत के करीबी होते रिश्तों का नतीजा है और उन्हें साफ हो गया है कि भारत उनके लिए बेहद जरूरी है।