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पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा में सेना पर आतंकी हमला, कैप्टन सहित 12 जवानों की मौत
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमले में सेना कैप्टन सहित 12 जवानों की मौत।

पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा में सेना पर आतंकी हमला, कैप्टन सहित 12 जवानों की मौत

Jul 13, 2021
09:40 pm

क्या है खबर?

आतंकवादियों के लिए पनाहगार बने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को अब खुद ही आतंक का दंश झेलना पड़ा है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के जवानों पर स्थानीय आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इसमें सेना के एक कैप्टन और 11 अन्य जवानों की मौत हो गई। इसी तरह 15 अन्य जवान घायल हो गए। इतना ही नहीं कुछ जवानों को आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए जाने की खबरें भी सामने आई है। उनकी तलाश जारी है।

घटना

TTP के आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रही थी पाकिस्तानी सेना

इंडिया टुडे के अनुसार, इस हमले के पीछे आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को जिम्मेदार माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने खुर्रम इलाके में TTP के आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रखा था। उसी दौरान TTP के आतंकियों ने हंगू इलाके में घेराबंदी कर हमला कर दिया। इसमें ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले कैप्टन अब्दुल बासित खान और 11 अन्य जवानों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।

बंधक

आतंकियों ने छह टेलीकॉम ऑपरेटर्स को बनाया बंधक

खबरों के अनुसार हमले के बाद आतंकियों ने छह टेलीकॉम ऑपरेटर्स को बंधक बना लिया है। हमले को अंजाम देने के पीछे TTP के हाफिज दौलत खान का हाथ बताया जा रहा है। सूचना पर पहुंची सेना की अन्य टुकड़ी ने जवाबी फायरिंग करते हुए घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया तथा बंधक बनाए जवानों की तलाश शुरू कर दी। पाकिस्तानी सेना की जवाबी कार्रवाई में अब तक तीन आतंकी मारे जा चुके हैं और सर्च अभियान जारी है।

जानकारी

जुलाई के पहले सप्ताह में भी आतंकियों ने मारे थे पांच जवान

जुलाई के शुरुआत में ही आतंकियों ने दो हमलों में पाकिस्तानी सेना के पांच जवानों को मार गिराया था। पहला हमला उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले के द्वातोई इलाके में और दूसरा हमला दक्षिण वजीरिस्तान कबायली जिले के न्यू कला में किया गया था।

जानकारी

साल 2007 में अस्तित्व में आया था आतंकी संगठन TTP

बता दें कि TTP पाकिस्तान का प्रमुख आतंकी संगठन है। यह सबसे पहले 2007 में अस्तित्व में आया था। उस समय बेयतुल्लाह मेहसूद की अगुवाई में 13 छोटे-बड़े आतंकी संगठनों ने मिलकर इस संगठन का गठन किया था। TTP का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान में शरिया पर आधारित कट्टरपंथी कानून को लागू करवाना है। यह अफगानिस्तान के तालिबान संगठन से पूरी तरह अलग है, लेकिन इनके इरादे करीब-करीब एक जैसे ही हैं।

हमले

पाकिस्तानी सेना पर कई हमले कर चुका है TTP

बता दें कि TTP पाकिस्तानी सेना पर कई हमले कर चुका है। इसने सबसे बड़ा हमला 16 दिसंबर, 2014 में पेशावर के एक आर्मी स्कूल पर किया था। उस हमले में 200 मासूम बच्चों की जान चली गई थी। उसके बाद से ही पाकिस्तान ने TTP के खात्मे का अभियान चला रखा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली। हालांकि, पाकिस्तान शुरू से ही इस संगठन को अफगानिस्तान और तालीबान से मदद मिलने की बात कहता रहा है।