कोरोना महामारी के बीच केरल में पहली बार सामने आया जीका वायरस के संक्रमण का मामला
कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे केरल राज्य में अब एक और बड़ी परेशानी ने दस्तक दे दी है। राज्य में महामारी के बीच अब खतरनाक जीका वायरस (एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण) के संक्रमण का भी पहला मामला सामने आया गया है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्वयं इसकी पुष्टि की है। तिरुवनंतपुरम में एक 24 वर्षीय गर्भवती महिला के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में आने वाले दिनों में इसके मामले बढ़ने की संभावना है।
NIV में 19 में से 13 सैंपलों में हुई संक्रमण की पुष्टि
चिकित्सकों की माने तो महिला के 7 जुलाई को प्रसव हुआ था और अब उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। उसका उपचार जारी है और वर्तमान में वह KIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को कुल 19 सैंपल भेजे गए थे। इनमें से 13 सैंपलों को वायरस से संक्रमित पाया गया है। हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
महिला के डेंगू और चिकनगुनिया की भी जांच की गई
डॉक्टरों ने बताया कि संक्रमित महिला को तेज बुखार, सिर दर्द और शरीर पर रैशेज जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऐसे में उनकी डेंगू बुखार और चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित होने का पता लगाने की लिए जांच की गई थी, लेकिन उसके इनसे संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई। डॉक्टरों ने उसके बाद उसका सैंपल जांच के लिए NIV में भेज दिया। केरल स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है।
आखिर क्या है जीका वायरस?
जीका संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। रोग के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, आंख आना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं। भले ही इस वायरस से संक्रमित अधिकतर लोग लोग उपचार लेने के सात दिनों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने पर यह गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है। ऐसे में यह राज्य के लिए चिंता की बात है।
जीका संक्रमण का अभी तक नहीं है कोई उपचार
जीका वायरस पहली बार 1947 में युगांडा में बंदरों में पाया गया था। इसके बाद साल 1952 में युगांडा और संयुक्त गणराज्य तंजानिया के लोगों में इसकी पुष्टि हुई थी। एशिया, अफ्रीका, अमेरिका और प्रशांत द्वीपों में इस बीमारी के फैलने की सूचना मिली है। भारत में इसका पहला प्रकोप साल 2017 में अहमदाबाद में देखने को मिला था। परेशानी की बात यह है कि वर्तमान में जीका वायरस की कोई वैक्सीन या विशिष्ट उपचार नहीं है।
जीका वायरस के लक्षणों का कैसे कर सकते हैं उपचार?
बता दें कि जीका वायरस का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है तो डॉक्टर इसके लक्षणों के आधार पर उपचार करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। 1) शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए लगातार पानी और अन्य तरल पदार्थ पीना चाहिए। 2) बुखार या दर्द को कम करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह पर आवश्यक दवाइयां लेनी चाहिए। 3) संक्रमित होने पर पूरी तरह से आराम करना चाहिए। इन उपायों से संक्रमण से बच सकते हैं।