अफगानिस्तान: अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को काबुल के होटलों से निकलने को कहा
शुक्रवार को कुंदुज की एक मस्जिद में हुए बम धमाके के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने अफगानिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की है। दोनों देशों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपने नागरिकों को काबुल के सेरेना और आसपास के होटलों से तुरंत निकलने को कहा है। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) इन होटलों में रुके विदेशी नागरिकों को निशाना बना सकता है।
मस्जिद पर हुए हमले में हुई थी 50 मौतें
शुक्रवार को कुंदुज में एक शिया मस्जिद में नमाजियों पर हुए आत्मघाती बम धमाके में 50 लोगों की मौत हो गई थी और करीब इतने ही लोग घायल हुए थे। अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से यह अब तक का सबसे खूनी हमला था और इस्लामिक स्टेट ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही लोग नमाज के लिए मस्जिद में इकट्ठा हुए, उसी दौरान अज्ञात मानव बम ने धमाका कर दिया।
दोनों देशों ने क्या चेतावनी दी है?
अमेरिका के गृह विभाग ने इलाके में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अमेरिकी नागरिकों से सेरेना होटल और उसके आसपास के इलाकों से निकलने को कहा है। इसी तरह ब्रिटेन ने सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए अपने नागरिकों को होटलों, खासकर काबुल और सेरेना होटल में न रुकने की सलाह दी है। तालिबान के कब्जे के बाद से कई लोग अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं, लेकिन कई विदेशी पत्रकार और सहायताकर्मी अभी भी काबुल में डटे हुए हैं।
सेरेना होटल पर दो बार हो चुका है हमला
सेरेना काबुल का एक जाना-माना होटल है और यह विदेशी लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है। पूर्व में इस पर दो बार हमला कर चुका है। 2014 में राष्ट्रपति चुनावों से कुछ हफ्ते पहले तीन बंदूकधारियों ने होल में घुसकर नौ लोगों को मार दिया था। इन मृतकों में एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी के पत्रकार और उसके परिवार के लोग शामिल थे। उससे पहले 2008 में एक आत्मघाती हमले में छह लोगों की मौत हुई थी।
अमेरिका ने तालिबान से की आतंक के मुद्दे पर बातचीत
इसी सप्ताहांत अमेरिका और तालिबान के प्रतिनिधिमंडल ने दोहा में मुलाकात की थी। अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली मुलाकात थी। अमेरिका के गृह विभाग ने बताया कि दोनों के बीच बातचीत सुरक्षा, आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं और विदेशी नागरिकों के सुरक्षित रूप से अफगानिस्तान छोड़ने पर केंद्रित रही। इस दौरान मानवाधिकार और अफगान समाज के सभी क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी पर भी चर्चा की गई।
तालिबान बोला- अफगानिस्तान की मदद को तैयार हुआ अमेरिका
बातचीत के बाद तालिबान ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान को मदद देने और दूसरे मानवीय संगठनों की सहायता करने पर सहमत हुआ है। हालांकि, तालिबानी विदेश मंत्रालय ने चेताया कि ये मदद किसी राजनीतिक मुद्दे से जुड़ी नहीं होनी चाहिए। दूसरी तरफ अमेरिका ने कहा कि इस बारे में सिर्फ चर्चा की गई थी और किसी भी तरह सहायता सिर्फ अफगानिस्तान के लोगों को दी जाएगी। तालिबानी सरकार को कोई मदद नहीं दी जाएगी।