काबुल: तालिबान के कब्जे के बाद पहली बार भारत से वापस लौटे 106 अफगान नागरिक
भारत में फंसे 100 से अधिक अफगान नागरिक विशेष विमान से अपने देश लौट गए हैं। भले ही तालिबान के कब्जे के बाद लाखों की संख्या में लोग अफगानिस्तान छोड़कर दूसरे देशों में जाना चाह रहे हों, लेकिन ये नागरिक अपनी मर्जी से देश लौटे हैं। भारत से अफगानिस्तान गए 106 लोगों में से अधिकतर ऐसे थे, जो कारोबार या इलाज के लिए भारत आए थे और काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वापस नहीं जा पाए थे।
भारी मुश्किलों का सामना कर रहे था अफगान नागरिक
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक अफगान राजनयिक ने बताया, "ये लोग भारी मुश्किलों का सामना कर रहे थे। इनके पास खाने और रहने के लिए पैसे नहीं बचे थे। इनमें से कुछ लोगों को अपने परिवारों की चिंता भी सता रही थी, जो तालिबान की सत्ता आने के बाद परेशानी में हैं।" भारत में फंसे इन अफगानी नागरिकों ने अपने दूतावास से संपर्क किया वापस घर लौटने की इच्छा जताई थी।
ईरान की मदद से वापस भेजे गए लोग
दूतावास ने भारत से विमान भेजने की अनुमति मांगी, लेकिन इसमें काफी समय लग रहा था। इसके बाद दूतावास ने पाकिस्तान उच्चायुक्त से संपर्क कर इन नागरिकों के लिए वीजा मांगा ताकि वो पाकिस्तान से सड़क मार्ग के जरिये अफगानिस्तान पहुंच सके, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। आखिर में अफगान अधिकारियों ने ईरान दूतावास से मदद मांगी, जिसके बाद इन नागरिकों को ईरान की एयरलाइन कंपनी महान एयर फ्लाइट के जरिये काबुल पहुंचाया गया।
"आने वाले दिनों में और उड़ानों की उम्मीद"
अफगान दूतावास के अधिकारी ने बताया, "भारत में करीब 1,000 अफगानी नागरिक मौजूद हैं, जो वापस लौटना चाहते हैं। हम उनकी जरूरतें पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले हफ्तों में ऐसे कई और उड़ानें अफगानिस्तान जाने की उम्मीद है।"
वाणिज्यिक उड़ानों पर है प्रतिबंध
तालिबान ने अगस्त मध्य में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था। इसे देखते हुए भारत ने उसी दिन से वहां के लिए सभी कमर्शियल उड़ानों को रोक दिया था। वहां फंसे भारतीय लोगों को वायुसेना के विशेष विमानों से भारत लाया गया था। भारत के अलावा कई और देशों ने भी काबुल जाने वाली वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध लगा रखा है। पाकिस्तान समेत कुछ ऐसे देश हैं, जो काबुल के विमान सेवाएं उपलब्ध करवा रहे हैं।
तालिबान ने उड़ानें शुरू करने की मांग की
तालिबान ने पिछले महीने भारत समेत कई देशों को पत्र लिखकर काबुल के लिए वाणिज्यिक उड़ानों का संचालन बहाल करने की मांग की थी। तालिबान ने सभी देशों को वाणिज्यिक उड़ानों के संचालन में अपना पूर्ण सहयोग करने का वादा करते हुए काबुल हवाई अड्डे की तमाम समस्याओं को भी दूर करने का भरोसा दिलाया था। तालिबानी प्रवक्ता का कहना था कि विमान सेवा बंद होने से अफगान नागरिकों को परेशानी हो रही है।
अफगानिस्तान में मौजूदा हालात कैसे हैं?
अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही संकट से जूझ रही थी और तालिबान के कब्जे के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और अमेरिका आदि देशों ने अफगानिस्तान को जाने वाली मदद रोक दी है। सुरक्षा के मुद्देे पर भी तालिबानी सरकार को इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकी संगठनों से जूझना पड़ रहा है। शुक्रवार को ही एक मस्जिद में हुए बम धमाके में 50 लोगों की मौत हुई थी। यह हालिया दिनों का सबसे बड़ा हमला था।