अल-कायदा ने तालिबान को दी बधाई, कहा- कश्मीर को कराए इस्लाम के दुश्मनों से आजाद
क्या है खबर?
अमेरिका की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी के बाद आतंकी संगठनों ने सिर उठाना शुरू कर दिया है।
प्रमुख आतंकी संगठन और अमेरिका में 9/11 के हमलों का मास्टरमाइंड अल कायदा ने तालिबान को जीत की बधाई देने के साथ ही कश्मीर को इस्लाम के दुश्मनों से आजाद कराने का आह्वान किया है।
तालिबान में नई सरकार के गठन से पहले अल-कायदा के इस बधाई संदेश ने भारत सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।
पृष्ठभूमि
सोमवार को अफगानिस्तान से लौटा अमेरिका
सोमवार को काबुल हवाई अड्डे से आखिरी अमेरिकी विमान ने उड़ान भरी और इसी के साथ अमेरिका का दो दशक का सैन्य अभियान खत्म हो गया।
मेजर जनरल क्रिस डोनाह्यु आखिरी अमेरिकी सैन्य अधिकारी थे, जो काबुल से विमान में सवार हुए। अमेरिका ने 31 अगस्त की समयसीमा से एक दिन पहले ही अपना सैन्य अभियान खत्म कर दिया है।
दूसरी तरफ तालिबान ने कहा कि अमेरिका के लौटने के साथ ही अफगानिस्तान को 'पूर्ण आजादी' मिल गई है।
बधाई
अल-कायदा ने तालिबान को यह दिया है बधाई संदेश
अल-कायदा ने तालिबान को 'इस्लामिक उम्माह को अफगानिस्तान में अल्लाह द्वारा दी गई आजादी मुबारक' शीर्षक के बधाई संदेश भेजा है।
अल-कायदा ने इस बधाई संदेश में लिखा है, 'ओ अल्लाह, लेवंत, सोमालिया, यमन, कश्मीर और दुनिया के अन्य इस्लामी जमीनों को इस्लाम के दुश्मनों से आजाद कराओ। ओ अल्लाह, दुनिया भर में मुस्लिम कैदियों को आजादी दिलाओ।'
आतंकी संगठन ने यह संदेश तालिबान द्वारा पूर्ण जीत की घोषणा करने के कुछ घंटों बाद दिया है।
दावा
अल्लाह ने अविश्वास के मुखिया अमेरिका को किया अपमानित- अल-कायदा
अल-कायदा ने संदेश में आगे लिखा, 'हम सर्वशक्तिमान और सर्वविद्यमान अल्लाह की तारीफ करते हैं कि उसने अविश्वास के मुखिया अमेरिका को अपमानित किया और उसे शिकस्त दी। हम उनकी तारीफ करते हैं कि उसने अमेरिका को तोड़ दिया और इस्लाम की धरती अफगानिस्तान पर उसे शिकस्त दी है।'
उसने आगे लिखा, 'अमेरिका को मात देने के साथ अफगानिस्तान ने दो दशकों में तीन बार अलगाववादी ताकतों को देश से निकाल बाहर किया है।'
जिहाद
"केवल जिहाद से ही हासिल हो सकती है जीत"
अल-कायदा ने अमेरिका को शैतान का साम्राज्य करार देने के साथ तालिबान की इस जीत को दुनिया में दबे-कुचले लोगों के लिए प्रेरणा बताया है। उसने कहा कि इन सारी घटनाओं से साबित होता है कि केवल जिहाद से ही जीत हासिल की जा सकती है। अब वक्त आ गया है कि आगे के संघर्ष के लिए रास्ता तैयार किया जाए।
उसने कहा कि अल्लाह की मदद से हासिल हुई ऐतिहासिक जीत मुस्लिमों को गुलामी से बचने का रास्ता दिखाएगी।
वादा
तालिबान ने किया है अफगानिस्तान का आतंक के लिए उपयोग नहीं होने देने का वादा
बता दें तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद दुनिया के देशों में आतंकी गतिविधियों के बढ़ने की चिंता है।
हालांकि, गत दिनों तालिबान ने कहा था कि वह अफगानिस्तान की धरती का आतंकी गतिविधियों के लिए उपयोग नहीं होने देंगे, लेकिन इसके बाद भी देशों की चिंता कम नहीं हुई है।
इसका कारण यह है तालिबान ने दोहा समझौते के तहत अल-कायदा जैसे अन्य आतंकी संगठनों से संबंध तोड़ने को लेकर अभी तक पुख्ता सुबूत पेश नहीं किए हैं।