अफगानिस्तान: तालिबान की सरकार का नेतृत्व करेगा मुल्ला हिब्तुल्लाह अखुंदजादा
मुल्ला हिब्तुल्लाह अखुंदजादा अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार का नेतृत्व करेगा। वह तालिबान का प्रमुख भी है और उसके पास अमीर अल-मूमिनीन (विश्वासियों का कमांडर) की पदवी भी है। अफगान न्यूज चैनल टोलो न्यूज ने तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के हवाले से ये खबर प्रकाशित की है। उन्होंने कहा कि नई सरकार को अफगान इस्लामी अमीरात के नाम से जाना जाएगा और इसका प्रारूप तय करने का हक केवल अफगान लोगों को है।
कौन है अखुंदजादा?
हिब्तुल्लाह अखुंदजादा का संबंध तालिबान के गढ़ माने जाने वाले कंधार से है और उसका संबंध नूरजई कबीले से है। तालिबान का प्रमुख बनने से पहले भी अखुंदजादा तालिबान के शीर्ष नेताओं में शुमार रहा है और तालिबान के धर्म से जुड़े सभी आदेश वही जारी करता है। वह एक धार्मिक कट्टरपंथी है और उसके विचार बेहद रूढ़िवादी हैं। वह दोषी पाए गए कातिलों और अवैध सेक्स संबंध रखने वालों लोगों की हत्या के आदेश जारी कर चुका है।
तालिबान ने दो दिन पहले ही घोषित की थी कैबिनेट
बता दें कि तालिबान ने दो दिन पहले ही अफगानिस्तान में कार्यवाहक सरकार का ऐलान किया है। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को कैबिनेट का प्रमुख यानी नई सरकार का कार्यवाहक प्रधानमंत्री और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को कार्यवाहक उप प्रधानमंत्री (प्रथम) बनाया गया है। मुल्ला अब्दुस सलाम को दूसरा उप प्रधानमंत्री बनाया गया है। इसी तरह हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया है। पूरी कैबिनेट में एक भी महिला शामिल नहीं है।
घोषित वैश्विक आतंकी हैं तालिबान की सरकार में शामिल कई चेहरे
तालिबान की सरकार में शामिल कई चेहरों पर संयुक्त राष्ट्र (UN) या अमेरिका जैसे देशों ने आतंकी घोषित कर रखा है और उनके सिर पर ईनाम है। खुद प्रधानमंत्री अखुंद UN की आतंकियों की सूची में शामिल है। उप प्रधानमंत्री गनी बरादर भी प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में शामिल है। इसी तरह गृह मंत्री हक्कानी तो अमेरिका की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है और उस पर 10 मिलियन डॉलर (73 करोड़ रुपये) का ईनाम है।
अमेरिका ने कई नामों पर चिंता जताई
अमेरिका ने तालिबान सरकार के कई नामों पर चिंता व्यक्त की है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंत्रीमंडल के कई सदस्यों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए और महिलाओं को शामिल न किए जाने के कारण अमेरिका चिंतित है।
विद्रोही नेताओं ने सरकार को गैर-कानूनी बताया
तालिबान के खिलाफ विद्रोह कर रहे नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान (NRFA) ने नई सरकार को गैर-कानूनी बताते हुए अफगान नागरिकों से विरोध जारी रखने की अपील की है। NRFA ने अपने बयान में कहा है कि तालिबान की कार्यवाहक सरकार अवैध है और यह अफगान लोगों के साथ शत्रुता का साफ संकेत है। विद्रोही नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान की नई सरकार को मान्यता न देने और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने की अपील की है।