अफगानिस्तान: तालिबान ने प्रदर्शनों पर लगाई कई शर्तें; पहले से लेनी होगी अनुमति, नारे बताने होंगे
देश के कई हिस्सों में विरोध के बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने प्रदर्शनों पर कई तरह की शर्तें लगा दी हैं। नए नियमों के तहत लोगों को प्रदर्शन करने से पहले मंजूरी लेनी होगी और इसमें लगाए जाने वाले नारों की जानकारी देनी होगी। तालिबान ने कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई करेगा। काबुल समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों और तालिबानियों में झड़प के बाद ये नियम जारी किए गए हैं।
क्या हैं प्रदर्शन करने के लिए नए नियम?
तालिबान के गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन करने से पहले न्याय मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन का मकसद, नारे, स्थान और समय जैसी अन्य जानकारियां भी प्रदर्शन से 24 घंटे पहले तालिबान प्रशासन को बतानी होंगी। बुधवार को जारी किए गए बयान में ये भी कहा गया है कि जिसने भी इन नियमों का उल्लंघन किया, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पिछले दो दिन से हो रहे हैं अफगानिस्तान में प्रदर्शन
बता दें कि ये नियम ऐसे समय पर जारी किए गए हैं जब अफगानिस्तान में पिछले दो दिन से तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पंजशीर में पाकिस्तान के हवाई हमलों के बाद शुरू हुए इन प्रदर्शनों में हजारों पुरुष और महिलाएं शामिल हुई हैं और पाकिस्तान मुर्दाबाद, आजादी और सपोर्ट पंजशीर जैसे नारे लगाए। तालिबान ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी की। इसमें एक युवक के मारे जाने की खबर है।
अफगानिस्तान को पाकिस्तान की कठपुतली सरकार नहीं चाहिए- प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अफगानिस्तान को एक स्वतंत्र सरकार चाहिए न कि कोई पाकिस्तानी कठपुतली सरकार और इस कारण वे 'पाकिस्तान अफगानिस्तान छोड़ो' जैसे नारे लगा रहे हैं। लोगों ने काबुल स्थित सेरेना होटल के सामने भी नारे लगाए। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद इसी होटल में ठहरे हुए हैं। वे तालिबान के विभिन्न गुटों में टकराव को रोकने और पंजशीर में तालिबान की कार्रवाई का मार्गदर्शन करने के लिए यहां आए हैं।
अन्य देशों में भी अफगान नागरिकों ने किया पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन
अफगानिस्तान के नागारिकों ने अमेरिका समेत अन्य कई देशों में भी पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। वे तालिबान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। कई जगहों पर पाकिस्तानी दूतावास के बाहर भी प्रदर्शन हुआ है।
हमेशा से तालिबान का समर्थक रहा है पाकिस्तान
बता दें कि अफगानिस्तान और अमेरिका के साथ सालों से जारी युद्ध में पाकिस्तान ने हमेशा तालिबान का समर्थन किया है। तालिबान ने लगातार पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने तो यह भी कहा था कि पाकिस्तान नए तालिबान प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसी तरह पाकिस्तान के एक केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान तालिबान का 'संरक्षक' रहा है और लंबे वक्त तक उसकी देखभाल की है।