अमेरिकी सेना के लौटने के बाद अब काबुल हवाई अड्डे का क्या होगा?
क्या है खबर?
अमेरिका के वापस लौटने के बाद काबुल हवाई अड्डे पर अब तालिबान का नियंत्रण हो चुका है।
बीते कुछ दिनों से यह निकासी अभियान के चलते सुर्खियों में था तो अब यह देखा जाएगा कि हवाई अड्डे के संचालन को लेकर तालिबान की क्या योजना है।
इसका महत्व इससे समझा जा सकता है कि अमेरिका की वापसी के बाद तालिबान प्रवक्ता ने हवाई अड्डे के रनवे पर खड़े होकर अपनी जीत का ऐलान किया था।
काबुल हवाई अड्डा
हवाई अड्डे की सुरक्षा सबसे बड़ा प्रश्न
बीते हफ्ते में हुए हमले बताते हैं कि काबुल का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आतंकियों के निशाने पर है।
अमेरिकी सेना के लौटने के बाद तुर्की ने हवाई अड्डे की सुरक्षा का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तालिबान ने कहा कि उसे विदेशी सेना की मौजूदगी स्वीकार नहीं है।
तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा, "हमारे लड़ाके और स्पेशल फोर्स हवाई अड्डे के नियंत्रण में सक्षम हैं और हमें सुरक्षा या प्रशासन के लिए मदद की जरूरत नहीं है।"
जानकारी
"तालिबान को विदेशी सेना की जरूरत"
जानकारों का कहना है कि अगर तालिबान हवाई अड्डे का संचालन करना चाहता है तो उसे विदेशी सेना की मदद चाहिए होगी। यहां सुरक्षा को लेकर स्थिति संवेदनशील है और ऐसे में कोई एयरलाइन यहां ऑपरेट नहीं करेगी।
काबुल
लॉजिस्टिक का काम कौन संभालेगा?
अभी तक नेटो सेनाएं स्थानीय लोगों की मदद से लॉजिस्टिक का काम देख रही थीं। अब तालिबान ने लॉजिस्टिक के लिए तुर्की से मदद मांगी है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तेयेप अर्दोआन ने कहा कि वो प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं।
हालांकि, तालिबान द्वारा सुरक्षा अपने हाथ में रखने की जिद को लेकर तुर्की लॉजिस्टिक में मदद के लिए मना कर सकता है। अर्दोआन ने कहा कि अगर दोबारा ऐसा खून-खराबा हुआ तो उसका जवाब कौन देगा?
स्थिति
हवाई अड्डा किस हालत में है?
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हवाई अड्डा काफी खराब हालत में पहुंच गया है और यहां मूलभूत सुविधाएं नष्ट हो चुकी हैं।
एक पायलट ने बताया कि लोगों की भारी भीड़ ने इमारत को नुकसान पहुंचाया है। पैसेंजर हॉल. एयर ट्रैफिक कंट्रोल टर्मिनल और दूसरी जरूरी सुविधाओं को नष्ट कर दिया गया है। विमानों के संचालन से पहले इनकी मरम्मत करनी होगी।
हालांकि, रनवे की स्थिति ठीक है और यहां से विमान आसानी से उड़ान भर सकते हैं।
सवाल
क्या कमर्शियल उड़ानें दोबारा शुरू होंगी?
तालिबान ने कहा है कि वो नागरिकों के लिए हवाई अड्डा खुला रखना चाहता है, लेकिन सुरक्षा के जोखिम को देखकर इस बात के आसाम कम नजर आ रहे हैं कि फिलहाल कोई एयरलाइन यहां से उड़ानों का संचालन शुरू करेगी।
जानकारों का कहना है कि अगर तालिबान दूसरी सरकारों से मान्यता पाना और अपनी छवि सुधारना चाहता है तो उसे भरोसेमंद और सुरक्षित तरीके से हवाई अड्डे का संचालन करना होगा।
तालिबान का राज
क्या लोगों को अफगानिस्तान से बाहर जाने की इजाजत होगी?
तालिबान का कहना है कि वो नागरिकों को देश से बाहर जाने से नहीं रोकेगा।
समूह के उप प्रमुख वार्ताकार मोहम्मद अब्बास स्टेनिकजई ने कहा कि कमर्शियल उड़ानें शुरू होने के बाद पासपोर्ट और वैध वीजा के साथ लोग सम्मानजनक और शांतिपूर्ण तरीके से विदेश जा सकेंगे।
लेकिन विशेषज्ञ इस वादे को संदेह की नजर से देखते हैं। उनका मानना है कि तालिबान के राज में लोग अब हवाई अड्डे की तरफ जाने से भी डरेंगे।