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    अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने किया अफगानिस्तान छोड़ने का बचाव, कहा- हमारा फैसला सबसे बेहतर
    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने किया अफगानिस्तान छोड़ने के फैसले का बचाव।

    अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने किया अफगानिस्तान छोड़ने का बचाव, कहा- हमारा फैसला सबसे बेहतर

    लेखन भारत शर्मा
    Sep 01, 2021
    09:15 am

    क्या है खबर?

    तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अमेरिका ने सोमवार को सेना वापसी की अंतिम तारीख से 24 घंटे पहले ही अपनी सेना को वापस बुला लिया।

    इसके साथ ही अब काबुल हवाई अड्डा भी तालिबान के कब्जे में आ गया है।

    अमेरिका के इस फैसले को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना हो रही है, लेकिन उन्होंने इस मामले पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए अपने फैसले का बचाव किया और कहा कि यह सबसे सही फैसला है।

    पृष्ठभूमि

    सोमवार को अफगानिस्तान से लौटा अमेरिका

    सोमवार को काबुल हवाई अड्डे से आखिरी अमेरिकी विमान ने उड़ान भरी और इसी के साथ अमेरिका का दो दशक का सैन्य अभियान खत्म हो गया।

    मेजर जनरल क्रिस डोनाह्यु आखिरी अमेरिकी सैन्य अधिकारी थे, जो काबुल से विमान में सवार हुए। अमेरिका ने 31 अगस्त की समयसीमा से एक दिन पहले ही अपना सैन्य अभियान खत्म कर दिया है।

    दूसरी तरफ तालिबान ने कहा कि अमेरिका के लौटने के साथ ही अफगानिस्तान को 'पूर्ण आजादी' मिल गई है।

    संबोधन

    अफगानिस्तान छोड़ना अमेरिका के लिए सबसे बेहतर फैसला- बाइडन

    व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, "अफगानिस्तान के मिशन में अब हमारा कोई स्पष्ट उद्देश्य नहीं रह गया था। ऐसे में अफगानिस्तान से लौटना अमेरिका के लिए सबसे बेहतर फैसला रहा है।"

    उन्होंने कहा, "मैं इस फैसले की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। कुछ लोग कहते हैं कि हमें ये फैसला पहले लेना चाहिए था। मैं इससे सहमत नहीं हूं, अगर ये पहले होता तो इससे वहां अराजकता फैलती और गृहयुद्ध शुरू हो जाता।"

    लागत

    अमेरिका के लिए बेहद महंगा साबित हो रहा था अभियान- बाइडन

    राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, "हमने अफगानिस्तान में 20 साल गुजारे हैं, यह बहुत लंबा समय होता है। हमने वहां लाखों-करोड़ों डॉलर खर्च किए। इससे देश पर आर्थिक दबाव भी बढ़ रहा था। ऐसे में मैं जंग को आगे बढ़ाना नहीं चाहता था।"

    उन्होंने कहा, "हमारे पास काबुल छोड़ने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं था। ऐसे में मैं सेना वापसी के अभियान की जिम्मेदारी लेता हूं। हमने पूरे अमेरिका के हितों को देखते हुए ही काबुल छोड़ने का निर्णय किया है।"

    वादा

    अमेरिका की जनता से किया था वादा- बाइडन

    राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि वह चौथे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने इस मुद्दे का सामना किया है। ऐसे में उनके सामने सवाल था कि क्या 9/11 के हमलों के बाद शुरू हुए इस अभियान को खत्म करना चाहिए? उन्होंने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के दौरान अमेरिकी लोगों से युद्ध को समाप्त करने का वादा किया था और आज अपने वादे का सम्मान किया है।

    उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी लोगों के साथ फिर से ईमानदार होने का समय था।

    आतंकवाद

    "आतंकवाद में शामिल होने वालों को चैन से नहीं बैठने देगा अमेरिका"

    राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, "मैं साफ कहना चाहता हूं कि जो भी अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा या जो हमारे या सहयोगियों के खिलाफ आतंकवाद में शामिल होगा, अमेरिका उसे चैन से नहीं बैठने देगा। हम उसे न माफ करेंगे, न भूलेंगे। हम उन्हें ढूंढेंगे और उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।"

    उन्होंने कहा, "हमने अफगानिस्तान में फंसे 1.25 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला है और जो हमने किया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।"

    जानकारी

    अफगानिस्तान में अभी भी मौजूद हैं 100-200 अमेरिकी नागरिक

    राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में अभी भी 100 से लेकर 200 अमेरिकी नागरिक मौजूद हैं। ऐसे में जो भी अमेरिकी आना चाहेंगे, वह उन्हें लेकर आएंगे। इसके प्रयास जारी है। बता दें कि नागरिकों को निकालने की समय सीमा 31 अगस्त थी।

    चेतावनी

    अफगानिस्तान की जमीन का आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए इस्तेमाल- बाइडन

    बाइडन ने कहा, "हम अफगान गठबंधन के साथ मिलकर काम करना चाहेंगे। अब वहां तालिबान की सत्ता है और हम प्रयास करेंगे कि अफगानिस्तान की जमीन का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न हो।"

    उन्होंने कहा, "हम चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं, रूस से भी हमें चुनौती मिल रही है। अब हम नए तरीके से आगे बढ़ना चाहते हैं। हम अफगानी लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे, महिलाओं, बच्चों, व मानवाधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।"

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