तालिबान ने किया नॉर्वे के दूतावास पर कब्जा, शराब की बोतलें तोड़कर किताबों को लगाई आग
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने मंगलवार रात को अपनी कार्यवाहक सरकार का ऐलान कर दिया। इसमें मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को कार्यवाहक उप प्रधानमंत्री (प्रथम) बनाया गया है। इस बीच तालिबान का एक बार फिर असली चेहरा सामने आ गया है। शांति की राग अलापने वाले तालिबान के लड़ाकों ने काबुल में नॉर्वे के दूतावास पर कब्जा कर वहां तोड़फोड़ शुरू कर दी है।
तालिबान ने दूतावास पर कब्जा कर तोड़ी शराब की बोतलें
इंडिया टुडे के अनुसार, तालिबानी लड़ाकों ने नॉर्वे के दूतावास पर कब्जा करने के बाद वहां रखी शराब की बोतलों को तोड़ना शुरू कर दिया। इसके अलावा दूतावास में रखी किताबों को भी आग के हवाले कर दिया। इतना ही तालिबानी लड़ाकों ने दूतावास में रखी हर चीज को तहस-नहस कर दिया। इससे उसके अन्य देशों के खिलाफ इरादे साफ जाहिर हो गए हैं। इससे पहले तालिबान ने सभी देशों से अपनी सरकार का समर्थन करने की अपील की थी।
नॉर्वे के राजदूत ने ट्वीट कर दी घटना की जानकारी
इस मामले में ईरान में नॉर्वे के राजदूत सिगवॉल्ट हाउगे ने ट्वीट कर तालिबान लड़ाकों की करतूत को उजागर किया है। उन्होंने लिखा, 'तालिबान ने अब काबुल में स्थित नॉर्वे के दूतावास को अपने कब्जे में ले लिया है। उनकी ओर से कहा गया है कि वह दूतावास को बाद में हमें लौटा दिया जाएगा, लेकिन पहले वहां रखी शराब की बोतलें तोड़नी हैं और बच्चों की किताबें नष्ट करनी हैं। बंदूकें किताबों की तुलना में कम खतरनाक है।'
तालिबान ने कही थी राजनयिक प्रतिष्ठानों पर हस्तक्षेप नहीं करने की बात
बता दें कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के कुछ दिन बाद तालिबान ने कहा था कि वह अफगानिस्तान में स्थित दूतावासों सहित अन्य देशों के राजनयिक प्रतिष्ठानों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। हालांकि, यह सच किसी से नहीं छिपा कि तालिबान गिररिट की तरह रंग बदलने में माहिर हैं, इससे पहले वह अपनी कई बातों से पलट चुका है। तालिबान अब अफगानिस्तान में सरकार बना रहा हैं और उसका नेतृत्व हिबतुल्लाह अखुंदजादा कर सकता हैं।
डेनमार्क और नॉर्वे ने पिछले महीने बंद कर दिए थे अपने दूतावास
बता दें कि डेनमार्क और नॉर्वे ने पिछले महीने ही काबुल में अपने दूतावासों को बंद करने का ऐलान किया था और कर्मचारियों को वहां से निकाल लिया था। डेनमार्क के विदेश मंत्री जेप्पे कोफोड ने कहा था, "हमने काबुल में अपने दूतावास को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है।" नॉर्वे के विदेश मंत्री इने सोराइड ने कहा था कि वह अपने दूतावास को भी बंद कर देगा और राजनयिकों, कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों को निकाल लेगा।
तालिबान ने भारतीय वाणिज्य दूतावासों के भी तोड़ दिए थे ताले
बता दें कि तालिबानी लड़ाकों ने इससे पहले 20 अगस्त को कंधार और हेरात में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों के भी ताले तोड़कर तलाशी ली थी। तालिबानी लड़ाकों ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों की तलाश में इन दूतावासों की अलमारियों की तलाशी ली थी। यही नहीं, वो दोनों दूतावासों में खड़ी गाड़ियों को भी अपने साथ ले गए थे। इसके अलावा उन्होंने अफगान सेना और नेटो सेनाओं के साथ काम करने वालों को भी घर-घर जाकर तलाश किया था।