कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद इन देशों ने लागू नहीं किया लॉकडाउन
क्या है खबर?
दुनियाभर में कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया गया है।
भारत में शुक्रवार को तीसरी बार लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया गया है।
भारत के अलावा चीन, स्पेन और इटली में भी लंबे समय तक कड़ा लॉकडाउन लगाया गया था। इससे न सिर्फ लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हुए बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर पड़ा।
इन सबके उलट कुछ ऐसे भी देश हैं, जिन्होंने लॉकडाउन लागू नहीं किया।
जानकारी
दुनियाभर में 33 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनिया के 187 देशों/क्षेत्रों में फैल चुके कोरोना वायरस अब तक 33 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है और 2.3 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।
स्वीडन
लॉकडाउन लागू न करने के कारण हो रही स्वीडन की चर्चा
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू न करने के लिए स्वीडन की काफी चर्चा हो रहा है।
एक करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले देश में 21,000 लोग महामारी से संक्रमित हैं और 2,400 से ज्यादा जान गंवा चुके हैं।
इसके बावजूद यहां स्कूलों और कारोबारों को बंद नहीं किया गया है। हालांकि, लोगों से जरूरी न होने पर घरों से बाहर न निकलने की अपील की गई है, जबकि बुजुर्गों के लिए कुछ पाबंदियां लगाई हैं।
स्वीडन
लॉकडाउन की बजाय लोगों पर डाली गई जिम्मेदारी
स्वीडन में कोरोना वायरस से लड़ने का जिम्मा महामारी विशेषज्ञ एंड्रेस टेग्नेल के कंधों पर है।
उन्होंने बताया कि स्वीडन ने संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन जैसा फैसला लेने की जगह लोगों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की जिम्मेदारी डाल दी।
उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि स्वीडन ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित होने दे रहा है ताकि 'हर्ड इम्युनिटी' बन सके और लोग इस वायरस से बीमार न हों।
संक्रमण
दक्षिण कोरिया ने लॉकडाउन की जगह अपनाए ये तरीके
महामारी के शुरुआती दौर में दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल था, जो इससे सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए।
हालांकि, समय रहते हुए दक्षिण कोरिया ने बिना लॉकडाउन लागू किए संक्रमण की रफ्तार पर रोक लगा ली।
इसके लिए यहां तेजी से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और आईसोलेशन पर जोर दिया गया।
दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 10,000 से ज्यादा है और लगभग 250 लोगों की मौत हो चुकी है।
जानकारी
तजाकिस्तान में भीड़ के इकट्ठा होने पर रोक
तजाकिस्तान में 30 अप्रैल को एक साथ 15 मामले सामने आए। देश में महामारी के ये पहले मामले थे। हालांकि, बीते सप्ताह से यहां स्कूल बंद हैं। यहां भीड़ के इकट्ठा होने पर रोक लगी है और लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है।
कोरोना वायरस
तुर्कमेनिस्तान में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आने का दावा
तुर्कमेनिस्तान दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां अभी तक इस महामारी का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
चीन में कोरोना वायरस के शुरुआती मामले सामने आते ही तुर्कमेनिस्तान ने बीजिंग और बैंकॉक से आने वाली और बाद में सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया।
इसके अलावा इसने फरवरी के अंत में दूसरे देशों से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया था, जिससे बाहर से संक्रमित लोगों के आने के मौके कम हो गए।
जानकारी
एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही पर रोक
तुर्कमेनिस्तान में अभी तक लॉकडाउन लागू नहीं किया गया है, लेकिन यहां बड़े शहरों में प्रवेश से पहले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके अलावा कई राज्यों से दूसरे राज्यों में आवागमन पर रोक जारी है।
कोरोना वायरस
तुर्कमेनिस्तान के दावे पर शक
हालांकि, तुर्कमेनिस्तान सरकार द्वारा देश में एक भी मामला सामने नहीं आने के दावे को शक की निगाह से देखा जा रहा है।
28 अप्रैल को रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया कि तुर्कमेनिस्तान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अधिकारियों के दौरे से पहले स्थानीय प्रशासन से क्वारंटाइन सेंटरों को खाली करवा दिया था ताकि संक्रमित लोगों को छिपाया जा सके।
हालांकि, सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि देश में कुछ नहीं छिपाया जा रहा।
कोरोना वायरस
तुर्कमेनिस्तान में कोरोना वायरस शब्द पर लगा प्रतिबंध
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि देश में कोरोना वायरस शब्द के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है और इसके बारे में बात करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि स्थानीय मीडिया इस महामारी को ऐसे दिखा रहा है जैसे यह कभी आई ही नहीं। यहां तक की स्कूलों, अस्पतालों और दफ्तरों में बांटे गए निर्देशों से भी कोरोना वायरस शब्द हटा दिया है।